स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा
नई दिल्ली:
कॉमन मेडिकल टेस्ट की परीक्षा पर पसोपेश की स्थिति बनी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने NEET की परीक्षा को मंजूरी दे दी है लेकिन शुक्रवार को कैबिनेट ने NEET पर अध्यादेश लाने को मंज़ूरी दे दी है। इस अध्यादेश पर राजनीति भी हो रही है, ऐसे में परीक्षा देने वाले छात्र परेशान हैं कि आख़िर करना क्या है। गौरतलब है कि NEET फेज़ वन की परीक्षा 1 मई को हो चुकी है और दूसरे चरण की परीक्षा 24 जुलाई को होनी है। इस पूरे मुद्दे पर एनडीटीवी से बातचीत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने साफ किया कि NEET इस साल से लागू हो गया है और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन NEET की परीक्षा के जरिए ही होंगे। नड्डा ने विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इस मुद्दे पर पलटी मारी है।
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देखें वीडियो
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व्यावहारिक दिक्कतों का निराकरण
नड्डा ने एनडीटीवी से कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि NEET लागू हो और इसके लिए केंद्र सरकार ही सुप्रीम कोर्ट गई थी। वह तो राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताई थी। NEET को लागू करते वक्त राज्यों की परेशानी को ध्यान में रखा जाएगा। राज्य सरकार की तीन चिंताएं हैं - परीक्षा को क्षेत्रीय भाषा में आयोजित करने का प्रावधान, पाठ्यक्रम में अनुरूपता और राज्य सरकार द्वारा आयोजित परीक्षाएं। सरकार इन्हीं तीन मुद्दे के निराकरण पर फिलहाल काम कर रही है।
'इस मुद्दे पर राजनीति न करें'
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र के दो ही उद्देश्य थे - एक तो देशभर में मेडिकल के लिए एक तरह की परीक्षा को लागू करना और निजी कॉलेजों में योग्य बच्चों का दाखिला। अब प्रायवेट कॉलेज भी नीट के दायरे में हैं और नीट की अगली परीक्षा २४ जुलाई को ही होगी। इसके अलावा एक मई के टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा वही स्थिति बनी रहेगी। जहां तक बिहार की बात है तो अगर वह नीट में शामिल होना चाहता है तो बहुत अच्छी बात है।
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को ही लागू किया जा रहा है और उससे जुड़ी व्यवहारिक दिक़्क़तों को दूर किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सर्वदलीय बैठक में तीन सुझाव दिए और सरकार ने तीनों मान लिए हैं। अब कांग्रेस सिर्फ राजनीति कर रही है जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस का आरोप है कि SC के फ़ैसले को 1 साल टालने का षड्यंत्र रचा जा रहा है और यह गरीब बच्चों के माता-पिता से पैसा लूटने की कोशिश है। कांग्रेस पार्टी ने यह कहते हुए अध्यादेश वापस लेने की मांग की है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अभिभावकों से पैसा लूटेंगे।
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व्यावहारिक दिक्कतों का निराकरण
नड्डा ने एनडीटीवी से कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि NEET लागू हो और इसके लिए केंद्र सरकार ही सुप्रीम कोर्ट गई थी। वह तो राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताई थी। NEET को लागू करते वक्त राज्यों की परेशानी को ध्यान में रखा जाएगा। राज्य सरकार की तीन चिंताएं हैं - परीक्षा को क्षेत्रीय भाषा में आयोजित करने का प्रावधान, पाठ्यक्रम में अनुरूपता और राज्य सरकार द्वारा आयोजित परीक्षाएं। सरकार इन्हीं तीन मुद्दे के निराकरण पर फिलहाल काम कर रही है।
'इस मुद्दे पर राजनीति न करें'
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र के दो ही उद्देश्य थे - एक तो देशभर में मेडिकल के लिए एक तरह की परीक्षा को लागू करना और निजी कॉलेजों में योग्य बच्चों का दाखिला। अब प्रायवेट कॉलेज भी नीट के दायरे में हैं और नीट की अगली परीक्षा २४ जुलाई को ही होगी। इसके अलावा एक मई के टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा वही स्थिति बनी रहेगी। जहां तक बिहार की बात है तो अगर वह नीट में शामिल होना चाहता है तो बहुत अच्छी बात है।
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को ही लागू किया जा रहा है और उससे जुड़ी व्यवहारिक दिक़्क़तों को दूर किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सर्वदलीय बैठक में तीन सुझाव दिए और सरकार ने तीनों मान लिए हैं। अब कांग्रेस सिर्फ राजनीति कर रही है जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस का आरोप है कि SC के फ़ैसले को 1 साल टालने का षड्यंत्र रचा जा रहा है और यह गरीब बच्चों के माता-पिता से पैसा लूटने की कोशिश है। कांग्रेस पार्टी ने यह कहते हुए अध्यादेश वापस लेने की मांग की है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अभिभावकों से पैसा लूटेंगे।
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