महाराष्ट्र के बुलडाणा जिले में अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठेे किसान
मुंबई:
महाराष्ट्र के बुलडाणा जिले के 91 किसानों ने इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी हैं. किसानों ने उपराज्यपाल और सब डिवीजनल ऑफिसर (एसडीओ) को पत्र लिखा है. किसानों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 6 पर 4 लेन का हाईवे बनाने के लिए सरकार ने जो मुआवजा दिया वह अपर्याप्त है. इतना ही नहीं किसानों का आरोप है कि फसल का भी उचित मुआवजा नहीं दिया गया.
किसानों की मांग है कि या तो हमें पर्याप्त मुआवजा दिया जाए या फिर हमें मरने की अनुमति दी जाए. आपको बता दें कि रविवार को मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को उनकी फसल के वाजिब दाम दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में भी इसे सुनिश्चित किया गया था. प्रधानमंत्री के मुताबिक कर्मचारियों का खर्च, बीज की क़ीमत, खाद और सिंचाई का खर्च भी इसमें शामिल होगा. वहीं महाराष्ट्र में पिछले दिनों हुए किसानों के प्रदर्शन ने पूरे देश का ध्यान किसानों की समस्याओं की ओर खींचा था.
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने रविवार को कहा कि वह अगले चरण में करीब 50,000 और किसानों का कर्ज माफ करने की योजना के तरह 200 करोड़ रुपये की ऋण राहत देगी. पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अप्रैल के पहले सप्ताह में गुरदासपुर में राज्य स्तरीय एक कार्यक्रम के दौरान कर्ज माफी का प्रदान पत्र प्रदान किया जाएगा. प्रवक्ता ने कहा, "गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर, शहीद भगत सिंह नगर, अमृतसर और तरणतारन छह जिलों में करीब 50,000 लाभार्थियों को करीबन 200 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की जाएगी."
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भरोसा दिलाया है कि इस योजना के तहत सभी पात्र किसानों को राहत दी जाएगी और कोई पात्र किसान इसमें नहीं छूटेगा. सरकार की ओर से कहा गया कि 31 मार्च 2017 को सहकारी संस्थानों, सरकारी बैंकों व अन्य वाणिज्य बैंकों से ऋण लेने वाले सीमांत किसानों और छोटे किसानों को दो लाख रुपये की कर्ज राहत दी जाएगी.
Maharashtra: 91 farmers from Buldhana submitted a letter to the Governor & SDO seeking permission for Euthanasia as they are not getting remunerative prices for crops and adequate compensation for their land which has been aquired by the government for construction of a highway. pic.twitter.com/lltXRgrjpt
— ANI (@ANI) March 26, 2018
किसानों की मांग है कि या तो हमें पर्याप्त मुआवजा दिया जाए या फिर हमें मरने की अनुमति दी जाए. आपको बता दें कि रविवार को मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को उनकी फसल के वाजिब दाम दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में भी इसे सुनिश्चित किया गया था. प्रधानमंत्री के मुताबिक कर्मचारियों का खर्च, बीज की क़ीमत, खाद और सिंचाई का खर्च भी इसमें शामिल होगा. वहीं महाराष्ट्र में पिछले दिनों हुए किसानों के प्रदर्शन ने पूरे देश का ध्यान किसानों की समस्याओं की ओर खींचा था.
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने रविवार को कहा कि वह अगले चरण में करीब 50,000 और किसानों का कर्ज माफ करने की योजना के तरह 200 करोड़ रुपये की ऋण राहत देगी. पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अप्रैल के पहले सप्ताह में गुरदासपुर में राज्य स्तरीय एक कार्यक्रम के दौरान कर्ज माफी का प्रदान पत्र प्रदान किया जाएगा. प्रवक्ता ने कहा, "गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर, शहीद भगत सिंह नगर, अमृतसर और तरणतारन छह जिलों में करीब 50,000 लाभार्थियों को करीबन 200 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की जाएगी."
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भरोसा दिलाया है कि इस योजना के तहत सभी पात्र किसानों को राहत दी जाएगी और कोई पात्र किसान इसमें नहीं छूटेगा. सरकार की ओर से कहा गया कि 31 मार्च 2017 को सहकारी संस्थानों, सरकारी बैंकों व अन्य वाणिज्य बैंकों से ऋण लेने वाले सीमांत किसानों और छोटे किसानों को दो लाख रुपये की कर्ज राहत दी जाएगी.
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