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This Article is From Mar 11, 2020

मध्यप्रदेश : संकट में कमलनाथ सरकार, स्पीकर के पास है कुछ वक्त; लेकिन बीजेपी बेफिक्र

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक नियमों के अनुसार त्यागपत्र पर निर्णय करने के लिए स्पीकर के पास सात दिनों का समय

मध्यप्रदेश : संकट में कमलनाथ सरकार, स्पीकर के पास है कुछ वक्त; लेकिन बीजेपी बेफिक्र
ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम कमलनाथ (फाइल फोटो).
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सत्रह मार्च तक स्पीकर को इस्तीफों पर निर्णय लेना होगा
सोलह मार्च को विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण होगा
स्पीकर के निर्णय लेते ही बीजेपी अगला कदम उठाएगी
नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) पर संकट के बादल गहरे घने हो चुके हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कांग्रेस (Congress) छोड़कर बीजेपी (BJP) ज्वाइन कर ली है और उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार (Congress Government) का पतन तय हो चुका है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक नियमों के अनुसार त्यागपत्र पर निर्णय करने के लिए स्पीकर के पास सात दिनों का समय होता है. यानी सत्रह मार्च तक स्पीकर को इन इस्तीफों पर निर्णय करना है. राज्यपाल भी इसी के बाद दखल दे सकते हैं. इसके बाद ही बीजेपी अगला कदम उठाएगी.

सूत्रों के मुताबिक सोलह मार्च को मध्यप्रदेश विधानसभा में सदन की सामान्य कार्यवाही होगी. यानी राज्यपाल का अभिभाषण होगा. अगर इससे पहले स्पीकर इस्तीफों पर निर्णय करते हैं तो बीजेपी अगला कदम उठाएगी. यह मामला कोर्ट में भी जा सकता है.

कांग्रेस के बागी विधायक भोपाल आकर स्पीकर से मिल सकते हैं. वे व्यक्तिगत तौर पर मिलकर जानकारी दे सकते हैं. कुछ बागी विधायकों की नाराजगी की बात भी सामने आई है. बागी विधायकों की संख्या और बढ़ने की भी संभावना जताई जा रही है. बीजेपी को उम्मीद कि मामला चाहे लंबा खिंचे लेकिन आख़िर में फैसला उसी के पक्ष में जाएगा.

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मध्यप्रदेश के कांग्रेस के युवा और प्रभावी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने बुधवार को आखिरकार कांग्रेस (Congress) का दामन छोड़ दिया और बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए. मध्यप्रदेश में करीब एक सप्ताह से उथल-पुथल जारी थी. इसके बाद सिंधिया ने राजनीतिक भूचाल लाने वाला फैसला ले लिया.

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49 साल के ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले 18 साल से कांग्रेस में थे. वे लंबे समय से कांग्रेस में नाराज चल रहे थे. अटकले हैं कि बीजेपी सिंधिया को मध्यप्रदेश से राज्यसभा में भेजने के साथ-साथ केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री पद भी दे सकती है. राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर ही इस सियासी घटनाक्रम को देखा जा रहा है. मंगलवार को सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.

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गौरतलब है कि सिंधिया के खेमे के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इससे कमलनाथ सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री कमलनाथ का दावा है कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है और उनके विधायकों को कैद कर लिया गया है.

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