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This Article is From Dec 21, 2011

लोकपाल के मसौदे से CBI खुश नहीं : सूत्र

सीबीआई वर्तमान में सरकार के अधीन है और सरकारी लोकपाल बिल के मुताबिक भी सरकार के अधीन रहकर ही काम करेगी।
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नई दिल्ली: एनडीटीवी के सूत्रों ने बताया है कि लोकपाल के मसौदे से सीबीआई भी खुश नहीं है। सीबीआई वर्तमान में सरकार के अधीन है और सरकारी लोकपाल बिल के मुताबिक भी सरकार के अधीन रहकर ही काम करेगी। ऐसे में सीबीआई में उच्च पदों पर बैठों अधिकारियों का मानना है कि लोकपाल के अधीन रहना सीबीआई की निष्पक्षता बरकरार रखने के लिए बेहतर होता। गौरतलब है कि लोकपाल ड्राफ्ट को कैबिनेट की मंज़ूरी मिल चुकी है। ड्राफ्ट में सीबीआई लोकपाल के दायरे में नहीं रखा गया है। सीबीआई में डायरेक्टर प्रॉसीक्यूशन को लोकपाल दायरे में रखा गया है। ड्राफ्ट के अऩुसार लोकपाल पैनल में कुल 9 सदस्य होंगे। लोकपाल ड्राफ्ट के अनुसार लोकपाल के दायरे में सभी लोकायुक्त होंगे। सरकारी ग्रुप सी कर्मचारियों को भी लोकपाल के दायरे रखा गया है। ग्रुप सी कमर्चारियों के खिलाफ मिली भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच सीवीसी करेगा। पीएम को शर्तों के साथ लोकपाल के दायरे में लाया गया है।     मुख्य विपक्षी दल बीजेपी लोकपाल ड्राफ्ट के विरोध में है। बीजेपी का कहना है कि यह ड्राफ्ट जनता के साथ धोखा है। बीजेपी की मांग है कि भ्रष्टाचार के मामलों की स्वतंत्र जांच की जाए। बीजेपी ने प्रश्न किया है कि लोकपाल नियुक्ति में सरकार का बहुमत क्यों रखा गया है। साथ ही बीजेपी का कहना है कि नियुक्त करने वाला पैनल स्वतंत्र नहीं रखेगा। बीजेपी ने ऐलान कर दिया है कि हम ड्राफ्ट में संशोधन प्रस्ताव पेश करेंगे। साथ ही बीजेपी ने कहा है कि करप्शन मामलों की जांच की स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए। बीजेपी ने कहा कि सीबीआई का प्रशासनिक नियंत्रण सरकार के पास है और ऐसे में सीबीआई की जांच स्वतंत्र नहीं रह पाएगी। इसके अलावा ने अन्ना ने कहा कि सरकारी लोकपाल जनता के साथ धोखा है।

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