नागरिकता संशोधन कानून पर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु सहित राज्य के कई हिस्सों में अगले तीन दिनों तक के लिए धारा 144 लगा दी गई है. इसका मतलब चार या उससे अधिक लोग वहां अब एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकते. बता दें कि गुरुवार को बेंगलुरु में बड़े विरोध-प्रदर्शन की तैयारी की गई थी.
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने एक न्यूज ब्रीफिंग में कहा, 'बिना अनुमति के नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा था. जुलूसों के दौरान पत्थरबाजी भी हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. इसलिए हमने इसे अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है. कल सुबह 6 बजे से 21 दिसंबर की मध्यरात्रि तक बेंगलुरु में प्रतिबंध जारी रहेगा. इस दौरान किसी भी प्रदर्शन या रैली की इजाजत नहीं होगी. बता दें कि कल सुबह 11 बजे बेंगलुरु के टाउन हॉल में एक प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी.
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मालूम हो कि नए नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ पूरे भारत में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. इस कानून की मदद से पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आस-पास के देशों में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी.
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इस एक्ट में मुस्लिम धर्म के लोगों को शामिल नहीं किया गया है. नागरिकता संशोधन बिल के कानून बनने के बाद अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आस-पास के देशों के हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के वो लोग जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया था. वे सभी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे.
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