नई दिल्ली:
सीबीडीटी के पूर्व प्रमुख के.वी. चौधरी को सोमवार को नया मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) नियुक्त किया गया जबकि सूचना आयुक्त विजय शर्मा को नया मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया और इसके साथ ही पिछले नौ महीनों से रिक्त पड़े इन दोनों महत्वपूर्ण पदों को भर दिया गया। इन पदों पर नियुक्ति में विलंब के लिए सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था।
इंडियन बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक टी.एम. भसीन को सतर्कता आयुक्त नियुक्त किया गया है। वहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के पूर्व सचिव सुधीर भार्गव को सूचना आयुक्त बनाया गया। राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता ने बताया कि इनकी नियुक्ति को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी दे दी है।
इससे एक सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने इन पदों के लिए इनके नामों की सिफारिश की थी। इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली भी शामिल हुए थे जबकि गृह मंत्री राजनाथ सिंह सीवीसी पर एक अन्य बैठक में शामिल हुए थे।
चौधरी की नियुक्ति से सरकार ने पहली बार भ्रष्टाचार रोधी इस आयोग के प्रमुख के पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी को नियुक्त करने की परंपरा से अलग हटकर पहल की है। इस पद का सृजन 1964 में किया गया था।
पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सीआईसी, सीवीसी और लोकपाल के प्रमुखों की नियुक्ति में देरी करने के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार को परदर्शिता से भय लगता है।
चौधरी भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी रहे हैं और उन्हें कालेधन पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) में सलाहकार नियुक्त किया गया था। वह पिछले साल अक्टूबर में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए थे। जब यह खबरें आई कि चौधरी के नाम को सीवीसी पद के लिए मंजूरी दे दी गई है तब वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी और प्रशांत भूषण ने इसके लिए सरकार की आलोचना की थी।
सीआईसी में सरकार ने वरिष्ठतम सूचना आयुक्त को आयोग के प्रमुख के रूप में नियुक्त करने के चलन का अनुसरण किया और विजय शर्मा को मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया। पूर्व पर्यावरण सचिव विजय शर्मा 2012 से सूचना आयुक्त के रूप में काम कर रहे हैं। उनका कार्यकाल करीब छह महीने का होगा क्योंकि वह इस साल एक दिसंबर को 65 वर्ष के हो जाएंगे।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, चौधरी और भसीन इस पद पर चार साल के लिए नियुक्त किए गए हैं जब वह नियुक्ति की तिथि से 65 वर्ष की आयु के होंगे। भार्गव का कार्यकाल चार वर्ष से अधिक का होगा।
दिलचस्प बात यह है कि कार्यकारी मुख्य सतर्कता आयुक्त के रूप में काम करने वाले सीआईएसएफ के पूर्व महानिदेशक राजीव नए नियुक्त किए गए सीवीसी चौधरी से तीन बैच वरिष्ठ है। सीआईसी में तीन सूचना आयुक्तों के पद रिक्त हैं। भार्गव सातवें सूचना आयुक्त होंगे।
इंडियन बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक टी.एम. भसीन को सतर्कता आयुक्त नियुक्त किया गया है। वहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के पूर्व सचिव सुधीर भार्गव को सूचना आयुक्त बनाया गया। राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता ने बताया कि इनकी नियुक्ति को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी दे दी है।
इससे एक सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने इन पदों के लिए इनके नामों की सिफारिश की थी। इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली भी शामिल हुए थे जबकि गृह मंत्री राजनाथ सिंह सीवीसी पर एक अन्य बैठक में शामिल हुए थे।
चौधरी की नियुक्ति से सरकार ने पहली बार भ्रष्टाचार रोधी इस आयोग के प्रमुख के पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी को नियुक्त करने की परंपरा से अलग हटकर पहल की है। इस पद का सृजन 1964 में किया गया था।
पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सीआईसी, सीवीसी और लोकपाल के प्रमुखों की नियुक्ति में देरी करने के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार को परदर्शिता से भय लगता है।
चौधरी भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी रहे हैं और उन्हें कालेधन पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) में सलाहकार नियुक्त किया गया था। वह पिछले साल अक्टूबर में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए थे। जब यह खबरें आई कि चौधरी के नाम को सीवीसी पद के लिए मंजूरी दे दी गई है तब वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी और प्रशांत भूषण ने इसके लिए सरकार की आलोचना की थी।
सीआईसी में सरकार ने वरिष्ठतम सूचना आयुक्त को आयोग के प्रमुख के रूप में नियुक्त करने के चलन का अनुसरण किया और विजय शर्मा को मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया। पूर्व पर्यावरण सचिव विजय शर्मा 2012 से सूचना आयुक्त के रूप में काम कर रहे हैं। उनका कार्यकाल करीब छह महीने का होगा क्योंकि वह इस साल एक दिसंबर को 65 वर्ष के हो जाएंगे।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, चौधरी और भसीन इस पद पर चार साल के लिए नियुक्त किए गए हैं जब वह नियुक्ति की तिथि से 65 वर्ष की आयु के होंगे। भार्गव का कार्यकाल चार वर्ष से अधिक का होगा।
दिलचस्प बात यह है कि कार्यकारी मुख्य सतर्कता आयुक्त के रूप में काम करने वाले सीआईएसएफ के पूर्व महानिदेशक राजीव नए नियुक्त किए गए सीवीसी चौधरी से तीन बैच वरिष्ठ है। सीआईसी में तीन सूचना आयुक्तों के पद रिक्त हैं। भार्गव सातवें सूचना आयुक्त होंगे।
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