सांकेतिक तस्वीर
तिरूवनंतपुरम:
केरल की एक नन को सीबीएसई के नए ड्रेस कोड के तहत हिजाब और क्रॉस उतारने से इंकार करने के बाद शनिवार को तिरूवनंतपुरम में ऑल इंडिया प्री-मेडिकल इंट्रेंस टेस्ट (एआईपीएमटी) की परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई।
सिस्टर साइबा को जवाहर केंद्रीय विद्यालय स्थित केंद्र पर परीक्षा में शामिल होना था। साइबा ने कहा कि उन्होंने हिजाब और क्रॉस के साथ परीक्षा में शामिल होने की इजाजत मांगी थी। साइबा ने मीडियाकर्मियों से कहा कि विद्यालय के प्राचार्य ने उसे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के नए दिशा-निर्देशों के बारे में बताया। इसके बाद उसने हिजाब और क्रॉस के बिना परीक्षा देने के लिए एक अलग कमरा देने का आग्रह किया, लेकिन विद्यालय के अधिकारियों ने इसे स्वीकार नहीं किया।
प्राचार्य ने उससे कहा कि वह भी ईसाई हैं और उसकी स्थिति को समझ सकती हैं लेकिन सीबीएसई के दिशा-निर्देशों के मुताबिक परीक्षा हॉल के भीतर हिजाब और क्रॉस की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले शुक्रवार को एक इस्लामी संगठन की एक याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया था, जिसमें संगठन ने मुस्लिम महिला आवेदकों को हिजाब पहनने की अनुमति देने का आग्रह किया था।
विभिन्न केंद्रों पर कई छात्रों को स्कार्फ, कान की बाली और अन्य प्रतिबंधित चीजों को उतारते हुए देखा गया। शरीर की तलाशी लेने के बाद ही उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी गई।
सिस्टर साइबा को जवाहर केंद्रीय विद्यालय स्थित केंद्र पर परीक्षा में शामिल होना था। साइबा ने कहा कि उन्होंने हिजाब और क्रॉस के साथ परीक्षा में शामिल होने की इजाजत मांगी थी। साइबा ने मीडियाकर्मियों से कहा कि विद्यालय के प्राचार्य ने उसे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के नए दिशा-निर्देशों के बारे में बताया। इसके बाद उसने हिजाब और क्रॉस के बिना परीक्षा देने के लिए एक अलग कमरा देने का आग्रह किया, लेकिन विद्यालय के अधिकारियों ने इसे स्वीकार नहीं किया।
प्राचार्य ने उससे कहा कि वह भी ईसाई हैं और उसकी स्थिति को समझ सकती हैं लेकिन सीबीएसई के दिशा-निर्देशों के मुताबिक परीक्षा हॉल के भीतर हिजाब और क्रॉस की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले शुक्रवार को एक इस्लामी संगठन की एक याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया था, जिसमें संगठन ने मुस्लिम महिला आवेदकों को हिजाब पहनने की अनुमति देने का आग्रह किया था।
विभिन्न केंद्रों पर कई छात्रों को स्कार्फ, कान की बाली और अन्य प्रतिबंधित चीजों को उतारते हुए देखा गया। शरीर की तलाशी लेने के बाद ही उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी गई।
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