Nipah virus in Kerala : केरल में निपाह ने दस्तक दे दी है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने मलप्पुरम जिले के 14 वर्षीय बच्चे में निपाह संक्रमण की पुष्टि की है. इससे पहले आज केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में निपाह महामारी की रोकथाम के लिए उठाये जाने वाले कदमों पर चर्चा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की. इस वायरस से संक्रमण फैलने की आशंका में यह बैठक बुलायी गयी थी. उत्तरी मलप्पुरम जिले में इस संक्रमण के फैलने का संदेह है.
क्या कर रही सरकार?
स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में मलप्पुरम के एक लड़के का इलाज चल रहा है और उसमें निपाह का लक्षण मिला है. उसके नमूने और ज्यादा परीक्षण के लिए एक केंद्रीय प्रयोगशाला में भेजे गये हैं. बयान के अनुसार निपाह से निपटने के लिए सरकार ने आदेश भी जारी किया है. सरकारी आदेश में निपाह का इलाज निर्धारित मानक के अनुसार करने का निर्देश दिया गया है.
क्या है निपाह वायरस?
निपाह वायरस को साल 1998-99 में पहली बार पहचाना गया था. मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह में इसके मामलों की पुष्टि हुई थी. यहां इस वायरस की चपेट में 250 से ज्यादा लोग आए थे और इस वायरस ने पहली बार में ही कोहराम मचा दिया था. यह वायरस मलेशिया में कम्पंग सुंगाई निपाह नाम की जगह पर पहली बार देखा गया था और इसी वजह से इसका नाम निपाह पड़ा.
निपाह कितना खतरनाक?
कम्पंग सुंगाई निपाह में जब पहली बार इस वायरस के मामले सामने आए तो उस वक्त इस बीमारी के वाहक सूअर बने थे. अस्पतालों में भर्ती हुए तकरीबन 40 फीसदी लोगों को गंभीर बीमारी हुई थी और उन लोगों को बचाया नहीं जा सका. तभी से इस वायरस की गंभीरता और मृत्यु दर ने डर पैदा कर दिया. निपाह वायरस एक जुनोटिक वायरस है. यह जानवरों से इंसानों में फैलता है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि हर चार में से तीन संक्रमण वाली बीमारियां इंसानों में जानवरों से आती हैं.
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