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क्या भारत में मोबाइल फोन में टाइप सी चार्जिंग पोर्ट लगाना अनिवार्य है, सरकार ने दिया यह जवाब

दूरसंचार और ग्रामीण विकास मंत्रालय के राज्यमंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर ने कहा है कि देश में मोबाइल इलेक्ट्रानिक उपकरणों में यूएसबी टाइप सी चार्जिंग पोर्ट लगाना अनिवार्य नहीं है.

क्या भारत में मोबाइल फोन में टाइप सी चार्जिंग पोर्ट लगाना अनिवार्य है, सरकार ने दिया यह जवाब
  • भारत सरकार ने मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में यूएसबी टाइप सी पोर्ट लगाना अनिवार्य नहीं बनाया है
  • लोकसभा में राज्यमंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर ने मोबाइल सेवा प्रदाताओं की सेवा कीमत निर्धारण की जानकारी दी
  • मोबाइल कंपनियां कॉल, एसएमएस और इंटरनेट डेटा की कीमतें क्षेत्रीय आधार पर अलग-अलग तय करती हैं
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नई दिल्ली:

सरकार ने कहा है कि देश में मोबाइल फोन निर्मातों के लिए मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रानिक उपकरणों में चार्जिंग के टाइप सी पोर्ट लगाना अनिवार्य नहीं बनाया गया है. यह जानकारी लोकसभा में बुधवार को दूरसंचार और ग्रामीण विकास मंत्रालय के राज्यमंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर ने दी. सदन में उन्होंने देश में मोबाइल फोन सर्विस प्रोवाइडरों की ओर से उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं की भी जानकारी दी.

सरकार से किस सासंद ने पूछा था सवाल

लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के प्रोफेसर सौगत रॉय ने पूछा था कि क्या देश में मोबाइल उपकरणों और इलेक्ट्रानिक उपकरणों में चार्जिंग के लिए यूएसबी टाइप सी पोर्ट के लगाना अनिवार्य बनाया गया है. इसी सवाल के जवाब में पेम्मासानी चंद्रशेखर ने कहा कि मोबाइल उपकरण बनाने वालों के लिए भारत में यूएसबी टाइप सी पोर्ट लगाना अनिवार्य नहीं बनाया गया है. 

पेम्मासानी चंद्रशेखर ने इसके अलावा बताया कि देश में मोबाइल फोन की सुविधा उपलब्ध कराने वाली कंपनियों के पास इस बात का अधिकार है कि वो अलग-अलग तरह की कॉल्स, एसएमएस और इंटरनेट डेटा की कीमत का निर्धारण करें. इसमें इन कीमतों में सेवाओं के अलग-अलग तरह के मिश्रण शामिल हैं, जैसे रीचार्ज वैल्यू और उसकी वैधता. यह अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग हो सकती है. 

सर्विस प्रोवाइडर कैसे तय करते हैं टैरिफ की कीमतें

मंत्री ने बताया कि सर्विस प्रोवाइडरों की ओर से दी जा रही सेवाओं की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है. इसमें शामिल है सेवाओं पर आने वाली लागत, उस एरिया में प्रतिस्पर्धा किस स्तर की है और अन्य व्यावसायिक पक्ष. उन्होंने बताया कि भारत में मोबाइल सर्विस प्रोवाइडरों की दरें दुनिया में सबसे कम हैं. मोबाइल फोन सेवाओं की यह कीमत भारत के पड़ोसी देशों की तुलना में भी काफी कम हैं.

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