प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
देशभर में ट्रेन टिकट बुक करने के लिए पैंसेजरों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली IRCTC की मुख्य वेबसाइट हैक नहीं हुई है। उच्च अधिकारियों ने NDTV से यह बात कही।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (IRCTC), जोकि भारतीय रेल का सहायक संगठन है, से रोजाना हजारों ट्रैन्ज़ैक्शन्ज़ होती हैं, जिसमें ट्रेन यात्रा के कम से कम पांच लाख टिकटों की बिक्री भी शामिल है। लिहाजा, यह देश में एक सबसे बड़ी ई-कॉमर्स जगह भी बन गई है। उसने NDTV के हिंदी न्यूज चैनल, NDTV इंडिया को ट्वीट करते हुए कहा कि 'हम इस मामले को देख रहे हैं कि कहीं डाटा बेचा तो नहीं गया।'
रेलवे की इस वेबसाइट के तीन करोड़ सक्रिय और पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं, जिसका मतलब है कि उनके बैंक खातों और क्रेडिट कार्ड की जानकारियों का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।
IRCTC के जनसंपर्क अधिकारी संदीप दत्ता ने कहा कि वेबसाइट हैक नहीं हुई है और ठीक तरह से काम कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि यात्रियों को ऑनलाइन टिकट बुकिंग में कोई समस्या नहीं आ रही।
दरअसल, कल मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने रेलवे को सूचित किया था कि वेबसाइट से बड़ी संख्या में डाटा चोरी हो गया है।
इससे पहले IRCTC ई-टिकटिंग प्रणाली के यूजर प्रोफाइल डेटा से ई-मेल और मोबाइल नंबर लीक होने संबंधी खबरों को रेलवे ने भी आज सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हर चीज पूरी तरह सुरक्षित है। रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने बताया कि IRCTC की टिकट बुक करने वाली वेबसाइट को न तो हैक किया गया और न ही कोई सूचना लीक हुई है और हर चीज सुरक्षित है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी जमशेद उन खबरों से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे, जिनमें महाराष्ट्र के साइबर अधिकारियों का हवाला देते हुए IRCTC की ई-टिकटिंग प्रणाली के यूजर प्रोफाइल डेटा से ई-मेल और मोबाइल नंबरों के कथित तौर पर लीक होने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि हाल ही में सुरक्षा प्रणाली की दो बार समीक्षा की गई है।
रेलवे ने सूचनाओं की संभावित चोरी पर रोक लगाने के लिए तीन मई को एक समिति बनाई थी, जिसमें साइबर विशेषज्ञ और आईआरसीटीसी एवं सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (क्रिस) के सतर्कता अधिकारियों को शामिल किया गया था। समिति ने सूचनाओं की चोरी का कोई मामला नहीं पाया। जमशेद ने कहा, 'समिति ने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है और किसी लीक की कोई बात सामने नहीं आई है। हम लगातार इसकी निगरानी कर रहे हैं।' भारतीय रेलवे की आईटी शाखा 'क्रिस' द्वारा ई-टिकटिंग प्रणाली का प्रबंधन किया जाता है। सूचना केंद्र क्रिस के परिसर में ही है।
रेलवे के मुताबिक, सूचनाओं की संभावित चोरी की खबर दो मई को सामने आई और इसकी सत्यता परखने के लिए विस्तृत जांच कराई गई। बहरहाल, क्रिस और IRCTC की तकनीकी टीमों को ऐसे किसी मामले का पता नहीं चला है। (इनपुट एजेंसी से भी)
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (IRCTC), जोकि भारतीय रेल का सहायक संगठन है, से रोजाना हजारों ट्रैन्ज़ैक्शन्ज़ होती हैं, जिसमें ट्रेन यात्रा के कम से कम पांच लाख टिकटों की बिक्री भी शामिल है। लिहाजा, यह देश में एक सबसे बड़ी ई-कॉमर्स जगह भी बन गई है। उसने NDTV के हिंदी न्यूज चैनल, NDTV इंडिया को ट्वीट करते हुए कहा कि 'हम इस मामले को देख रहे हैं कि कहीं डाटा बेचा तो नहीं गया।'
रेलवे की इस वेबसाइट के तीन करोड़ सक्रिय और पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं, जिसका मतलब है कि उनके बैंक खातों और क्रेडिट कार्ड की जानकारियों का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।
IRCTC के जनसंपर्क अधिकारी संदीप दत्ता ने कहा कि वेबसाइट हैक नहीं हुई है और ठीक तरह से काम कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि यात्रियों को ऑनलाइन टिकट बुकिंग में कोई समस्या नहीं आ रही।
दरअसल, कल मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने रेलवे को सूचित किया था कि वेबसाइट से बड़ी संख्या में डाटा चोरी हो गया है।
इससे पहले IRCTC ई-टिकटिंग प्रणाली के यूजर प्रोफाइल डेटा से ई-मेल और मोबाइल नंबर लीक होने संबंधी खबरों को रेलवे ने भी आज सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हर चीज पूरी तरह सुरक्षित है। रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने बताया कि IRCTC की टिकट बुक करने वाली वेबसाइट को न तो हैक किया गया और न ही कोई सूचना लीक हुई है और हर चीज सुरक्षित है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी जमशेद उन खबरों से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे, जिनमें महाराष्ट्र के साइबर अधिकारियों का हवाला देते हुए IRCTC की ई-टिकटिंग प्रणाली के यूजर प्रोफाइल डेटा से ई-मेल और मोबाइल नंबरों के कथित तौर पर लीक होने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि हाल ही में सुरक्षा प्रणाली की दो बार समीक्षा की गई है।
रेलवे ने सूचनाओं की संभावित चोरी पर रोक लगाने के लिए तीन मई को एक समिति बनाई थी, जिसमें साइबर विशेषज्ञ और आईआरसीटीसी एवं सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (क्रिस) के सतर्कता अधिकारियों को शामिल किया गया था। समिति ने सूचनाओं की चोरी का कोई मामला नहीं पाया। जमशेद ने कहा, 'समिति ने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है और किसी लीक की कोई बात सामने नहीं आई है। हम लगातार इसकी निगरानी कर रहे हैं।' भारतीय रेलवे की आईटी शाखा 'क्रिस' द्वारा ई-टिकटिंग प्रणाली का प्रबंधन किया जाता है। सूचना केंद्र क्रिस के परिसर में ही है।
रेलवे के मुताबिक, सूचनाओं की संभावित चोरी की खबर दो मई को सामने आई और इसकी सत्यता परखने के लिए विस्तृत जांच कराई गई। बहरहाल, क्रिस और IRCTC की तकनीकी टीमों को ऐसे किसी मामले का पता नहीं चला है। (इनपुट एजेंसी से भी)
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