सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी (फाइल फोटो)
कोलकाता:
सीपीएम ने सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने और पाकिस्तान के साथ तनाव में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार से 'राजनयिक व राजनीतिक' कदम उठाने का अनुरोध किया और उम्मीद जतायी कि निकट भविष्य में दोनों देशों के बीच टकराव में और वृद्धि नहीं होगी.
पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने सीमा पार आतंकवाद से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी केंद्र से आग्रह किया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हम भारतीय सेना के ऑपरेशन पर नजर रख रहे हैं. हमें उम्मीद है कि अब, पठानकोट में जो हुआ और हाल में उरी में हुआ, उसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी. हम महसूस करते हैं कि सरकार को सीमा पार आतंकवाद से अपने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.
येचुरी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अब आगे टकराव में और वृद्धि नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने तथा तनाव कम करने के लिए राजनयिक एवं राजनीतिक कदम जारी रखने का केंद्र से अनुरोध करते हैं.
यह पूछे जाने पर कि सीपीएम पाकिस्तान के साथ क्यों बातचीत के पक्ष में है, जबकि विगत में ऐसे प्रयास नाकाम रहे हैं, येचुरी ने कहा कि कुछ मीडिया समूह हैं जो हम पर (सीपीएम) राजद्रोह का आरोप थोपना चाहते हैं. उन्होंने सवाल किया कि देश के हित में क्या है? उन्होंने कहा कि भारत-पाक वार्ता इस सरकार के घोषित एजेंडा में है.
उन्होंने दावा किया कि देश की विदेश नीति में 'अमेरिका की ओर झुकाव' इसे अमेरिका विरोधी आतंकवादी समूहों का निशाना बना रहा है. उन्होंने कहा, कि भारत जितना अमेरिका के करीब होगा, अमेरिका विरोधी आतंकवादी समूहों के लिए यह उतना ही नाजुक होगा.
येचुरी ने कहा, 'कृपया याद कीजिए, जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश से मुलाकात की थी, तो उन्होंने अपनी पत्नी से उनका परिचय कराते हुए कहा था कि वह ऐसे देश के प्रधानमंत्री हैं, जहां काफी संख्या में मुस्लिम हैं, लेकिन उस देश का एक भी मुस्लिम तालिबान का सदस्य नहीं है. हम सब ने गर्व महसूस किया. क्या आज आप वैसा कह सकते हैं? ऐसी खबरें हैं कि अलकायदा, आईएस भारत से लोगों की भर्ती कर रहा है.'
हालिया राफेल सौदे के बारे में पूछे जाने पर येचुरी ने कहा, 'हमारे अधिकतर रक्षा सौदे ऐसे हैं, जिनका बचाव नहीं किया जा सकता. हम ऐसे सौदों में गहन जांच चाहते हैं ताकि और पारदर्शिता हो सके.'
उरी हमले के बाद मनसे द्वारा पाकिस्तानी कलाकारों को देश छोड़ने के लिए कहे जाने का जिक्र करते हुए येचुरी ने कहा कि खेल, कला और संस्कृति को राजनीति से नहीं मिलाया जाना चाहिए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने सीमा पार आतंकवाद से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी केंद्र से आग्रह किया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हम भारतीय सेना के ऑपरेशन पर नजर रख रहे हैं. हमें उम्मीद है कि अब, पठानकोट में जो हुआ और हाल में उरी में हुआ, उसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी. हम महसूस करते हैं कि सरकार को सीमा पार आतंकवाद से अपने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.
येचुरी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अब आगे टकराव में और वृद्धि नहीं होगी. उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने तथा तनाव कम करने के लिए राजनयिक एवं राजनीतिक कदम जारी रखने का केंद्र से अनुरोध करते हैं.
यह पूछे जाने पर कि सीपीएम पाकिस्तान के साथ क्यों बातचीत के पक्ष में है, जबकि विगत में ऐसे प्रयास नाकाम रहे हैं, येचुरी ने कहा कि कुछ मीडिया समूह हैं जो हम पर (सीपीएम) राजद्रोह का आरोप थोपना चाहते हैं. उन्होंने सवाल किया कि देश के हित में क्या है? उन्होंने कहा कि भारत-पाक वार्ता इस सरकार के घोषित एजेंडा में है.
उन्होंने दावा किया कि देश की विदेश नीति में 'अमेरिका की ओर झुकाव' इसे अमेरिका विरोधी आतंकवादी समूहों का निशाना बना रहा है. उन्होंने कहा, कि भारत जितना अमेरिका के करीब होगा, अमेरिका विरोधी आतंकवादी समूहों के लिए यह उतना ही नाजुक होगा.
येचुरी ने कहा, 'कृपया याद कीजिए, जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश से मुलाकात की थी, तो उन्होंने अपनी पत्नी से उनका परिचय कराते हुए कहा था कि वह ऐसे देश के प्रधानमंत्री हैं, जहां काफी संख्या में मुस्लिम हैं, लेकिन उस देश का एक भी मुस्लिम तालिबान का सदस्य नहीं है. हम सब ने गर्व महसूस किया. क्या आज आप वैसा कह सकते हैं? ऐसी खबरें हैं कि अलकायदा, आईएस भारत से लोगों की भर्ती कर रहा है.'
हालिया राफेल सौदे के बारे में पूछे जाने पर येचुरी ने कहा, 'हमारे अधिकतर रक्षा सौदे ऐसे हैं, जिनका बचाव नहीं किया जा सकता. हम ऐसे सौदों में गहन जांच चाहते हैं ताकि और पारदर्शिता हो सके.'
उरी हमले के बाद मनसे द्वारा पाकिस्तानी कलाकारों को देश छोड़ने के लिए कहे जाने का जिक्र करते हुए येचुरी ने कहा कि खेल, कला और संस्कृति को राजनीति से नहीं मिलाया जाना चाहिए.
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