नई दिल्ली:
भारत और चीन की सेनाओं ने पहला रणनीतिक साझा अभ्यास लद्दाख में किया। ये संयुक्त सैन्य अभ्यास रविवार को भारत-चीन सरहद के पास चुशुल-मोल्दो इलाके में किया गया।
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर ये अभ्यास दोनों देशों के जवानों के बीच सीमा पर आपसी मेलजोल को बढ़ाने और शांति कायम रखने के लिये हो रहे प्रयासों का हिस्सा है। ये अभ्यास मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान संयुक्त तौर पर चलाने पर केन्द्रित था।
30 सदस्यीय भारतीय दल का नेतृत्व कर्नल चंद्र सिंह ने और चीनी सैन्य दल का नेतृत्व कर्नल क्यू यी ने किया। ये साझा अभ्यास इस बात पर केन्द्रित था कि अगर सीमा पर प्राकृतिक आपदा आ जाए तो दोनों देश मिलकर कैसे बचाव और राहत अभियान चलाए।
ये साझा अभ्यास शिनो इंडिया कोऑपरेशन 2016 नाम से एक दिन चला। भारत और चीन की सेना के बीच पहले से हैंड इन हैंड नाम से आपसी विश्वास और भरोसा बढ़ाने के लिये सैन्य अभ्यास होते रहे हैं।
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर ये अभ्यास दोनों देशों के जवानों के बीच सीमा पर आपसी मेलजोल को बढ़ाने और शांति कायम रखने के लिये हो रहे प्रयासों का हिस्सा है। ये अभ्यास मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान संयुक्त तौर पर चलाने पर केन्द्रित था।
30 सदस्यीय भारतीय दल का नेतृत्व कर्नल चंद्र सिंह ने और चीनी सैन्य दल का नेतृत्व कर्नल क्यू यी ने किया। ये साझा अभ्यास इस बात पर केन्द्रित था कि अगर सीमा पर प्राकृतिक आपदा आ जाए तो दोनों देश मिलकर कैसे बचाव और राहत अभियान चलाए।
ये साझा अभ्यास शिनो इंडिया कोऑपरेशन 2016 नाम से एक दिन चला। भारत और चीन की सेना के बीच पहले से हैंड इन हैंड नाम से आपसी विश्वास और भरोसा बढ़ाने के लिये सैन्य अभ्यास होते रहे हैं।
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