नई दिल्ली:
भारत जल्द ही उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जो 40 हजार टन का विमानवाहक पोत तैयार करते है। कोच्चि में 12 अगस्त को ऐसा ही एक विमानवाहक पोत पेश किया जाएगा।
नौसेना उपप्रमुख वाइस एडमिरल आरके धोवन ने कहा कि इस पोत का रक्षा एके एंटनी की पत्नी की ओर से पेश करने का कार्यक्रम है और इसका नाम भारत के पहले विमानवाहक के नाम पर ‘विक्रांत’ रखा गया है।
उन्होंने कहा, ‘अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस के पास 40 हजार और इससे अधिक क्षमता का विमानवाहक का डिजाइन तैयार करने और निर्माण करने की क्षमता है। भारत जल्द इस समूह में शामिल हो जाएगा।’
धोवन ने कहा कि यह पहले चरण के तहत पेश किया गया जाएगा और इसके बाद इसके उपरी ढांचे, मशीनरी और उपकरणों को लगाया जाएगा। इस विमानवाहक का 2018 में शामिल किए जाने का कार्यक्रम है।
नौसेना महानिदेशालय डिजाइन ने इसका डिजाइन तैयार किया है और इसका निर्माण कोच्चिं शिपयार्ड लिमिटेड कर रहा है। यह विमानवाहक 260 मीटर लम्बा और 60 मीटर चौड़ा है और इस पर साल 2006 में काम शुरू किया गया था।
नौसेना उपप्रमुख वाइस एडमिरल आरके धोवन ने कहा कि इस पोत का रक्षा एके एंटनी की पत्नी की ओर से पेश करने का कार्यक्रम है और इसका नाम भारत के पहले विमानवाहक के नाम पर ‘विक्रांत’ रखा गया है।
उन्होंने कहा, ‘अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस के पास 40 हजार और इससे अधिक क्षमता का विमानवाहक का डिजाइन तैयार करने और निर्माण करने की क्षमता है। भारत जल्द इस समूह में शामिल हो जाएगा।’
धोवन ने कहा कि यह पहले चरण के तहत पेश किया गया जाएगा और इसके बाद इसके उपरी ढांचे, मशीनरी और उपकरणों को लगाया जाएगा। इस विमानवाहक का 2018 में शामिल किए जाने का कार्यक्रम है।
नौसेना महानिदेशालय डिजाइन ने इसका डिजाइन तैयार किया है और इसका निर्माण कोच्चिं शिपयार्ड लिमिटेड कर रहा है। यह विमानवाहक 260 मीटर लम्बा और 60 मीटर चौड़ा है और इस पर साल 2006 में काम शुरू किया गया था।
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