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ऑपरेशन सिंदूर से भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ: NSA अजीत डोभाल

अजीत डोभाल ने आगे कहा कि इस ऑपरेशन को लेकर विदेशी मीडिया में तरह-तरह की बातें कही गईं. हमें स्वदेशी हथियारों के इस्तेमाल पर गर्व है. हमने 23 मिनट में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया है.

ऑपरेशन सिंदूर से भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ: NSA अजीत डोभाल
ऑपरेशन सिंदूर पर अजीत डोभाल का बड़ा बयान
  • अजीत डोभाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हुआ था.
  • ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने 23 मिनट में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था.
  • अजीत डोभाल ने कहा कि भारत को उस दौरान कोई नुकसान नहीं हुआ है.
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नई दिल्ली:

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर NSA अजीत डोभाल ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान भारत को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है. हमारे नुकसान की एक फोटो तक कहीं नहीं दिखी. जबकि फोटो में पाकिस्तान के 13 एयरबेस की तबाही की तस्वीरें आप सबने देखी होंगी. अजीत डोभाल ने आगे कहा कि इस ऑपरेशन को लेकर विदेशी मीडिया में तरह-तरह की बातें कही गईं. हमें स्वदेशी हथियारों के इस्तेमाल पर गर्व है. हमने 23 मिनट में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया है.  

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही सेना की तरफ से भी ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर एक बड़ा बयान दिया था. सेना ने बताया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कैसे पाकिस्तान ने चीन की मदद की थी. पाकिस्तान को चीन और तुर्किए जैसे देशों से सहयोग मिल रहा था. कोई उसे हथियार सप्लाई कर रहा था तो कोई भारतीय सेना की मूवमेंट की रियल टाइम सैटेलाइट तस्वीरें उपलब्ध करा रहा था. इसके बावजूद, भारत ने अपने दुश्मनों को ऐसा सबक सिखाया कि पाकिस्तान आज तक उस ज़ख्म को नहीं भूल पाया है. यह खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि बल्कि भारतीय सेना के उप प्रमुख ने खुद किया है. 

सेना के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्‍टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने बताया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमाओं पर एक नहीं, बल्कि कई दुश्मन मौजूद थे. जनरल सिंह ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर से कुछ जरूरी सबक सामने आए हैं, जिन्हें साझा करना आवश्यक है. सबसे पहले, एक सीमा पर दो नहीं, तीन या चार दुश्मन थे. पाकिस्तान सामने दिखाई दे रहा था, लेकिन असल में वह सिर्फ एक चेहरा था.

पाकिस्‍तान का 81% जंगी साजो सामान चीन से

उन्होंने बताया था कि पाकिस्तान को चीन से हर तरह की मदद मिल रही थी, जो कोई नई बात नहीं है. बीते पांच सालों के आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान को मिलने वाला 81 प्रतिशत सैन्य साजो सामान चीन से आता है. जनरल सिंह ने यह भी कहा था कि चीन इस तरह के युद्धकालीन हालातों का इस्तेमाल अपने हथियारों की परख और परीक्षण के लिए भी करता है. उन्‍होंने कहा था कि चीन ने शायद यह देखा कि उसे एक तरह की ‘लाइव लैब' मिल गई है, जिसमें वह अपने हथियारों को विभिन्न सिस्टम्स के खिलाफ आजमा सकता है. 

तुर्किए की भूमिका भी कम अहम नहीं रही. उसने युद्ध के दौरान पाकिस्तान को ड्रोन और प्रशिक्षित कर्मियों के जरिए मदद पहुंचाई, लेकिन इन तमाम सहयोगों के बावजूद पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा.

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