पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
हाल में अपनी पार्टी की आलोचना करने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) विवाद मामले में वह केंद्र सरकार के साथ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 25 दिसंबर को अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को जन्मदिन की बधाई देने के लिए लाहौर नहीं जाना चाहिए था।
यशवंत सिन्हा ने कहा, "इस मामले (जेएनयू विवाद) में मैं सरकार के साथ हूं। देश विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। चाहे जेएनयू हो या देश की कोई और जगह, किसी को भी भारत विरोधी गतिविधियों का अड्डा नहीं बनने देना चाहिए।" पूर्व विदेश और वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने जेएनयू में 9 फरवरी के कार्यक्रम (जिसमें देश विरोधी नारे लगे थे) के संदर्भ में कहा, "जेएनयू में जो हुआ, वह बिल्कुल गलत है। सरकार ने बिल्कुल सही फैसला लिया। जब सरकार ने कड़े कदम उठाया तो कांग्रेस ने राजनीति शुरू कर दी।"
'मोदी सरकार के लिए बाधा पैदा कर रही कांग्रेस'
सिन्हा ने कांग्रेस पर मोदी सरकार के लिए कठिनाइयां पैदा करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "चाहे वह एफटीआईआई हो, हैदराबाद हो या जेएनयू..लोकसभा में कांग्रेस की हार के बाद, देश में कुछ ऐसे तत्व हैं जो नहीं चाहते कि यह सरकार खुलकर काम करे। जब भी उन्हें मौका मिलता है, वे मोदी सरकार के लिए बाधा पैदा कर देते हैं।"
कहा-राजनाथ को क्या इंडिया गेट पर सबूत दिखाना चाहिए
सिन्हा ने कांग्रेस द्वारा गृहमंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान का सबूत मांगने की भी आलोचना की जिसमें राजनाथ ने जेएनयू घटना को आतंकवादी हाफिज सईद के समर्थन की बात कही थी। सिन्हा ने कहा, "वे कौन होते हैं सबूत मांगने वाले। राजनाथ को क्या इंडिया गेट या विजय चौक पर सबूत दिखाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि देश को गृह मंत्री के बात पर भरोसा करना ही चाहिए।
पाकिस्तान के साथ रखा जाए केवल कामकाजी रिश्ता
यशवंत सिन्हा ने मोदी द्वारा पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाए जाने की फिर आलोचना की। उन्होंने कहा कि मोदी को लाहौर नहीं जाना चाहिए था। हम ऐसी कोशिशों का बुरा अंजाम अटल बिहारी वाजपेयी के समय में देख चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ केवल कामकाजी रिश्ता रखना चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कहता कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई छेड़ देनी चाहिए और न ही मैं यह कहता हूं कि हमें पाकिस्तान में उच्चायोग बंद कर देना चाहिए। मैं बस इतना चाहता हूं कि पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत न हो।"
...ऐसे में बातचीत कैसे बढ़ सकती है आगे
यशवंत सिन्हा के पुत्र जयंत सिन्हा मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री हैं। यशवंत का कहना है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी हो जब वह सीमा पार आतंकवाद पर बातचीत के लिए तैयार हो। हम उनसे आतंकवाद पर बात करना चाहते हैं तो वे कश्मीर का 'राग' छेड़ देते हैं। इस तरह बातचीत कैसे आगे बढ़ सकती है। सिन्हा ने मोदी की वाजपेयी से तुलना करने से इनकार करते हुए कहा, "मुझे मोदी के साथ काम करने का कोई अनुभव नहीं है।"वहीं, अमित शाह के बारे पूछने पर सिन्हा ने कुछ भी कहने से इनकार किया। उन्होंने कहा, "मैं शाह पर कोई बयान नहीं दूंगा। मैंने आपका प्रश्न सुना ही नहीं। "
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
यशवंत सिन्हा ने कहा, "इस मामले (जेएनयू विवाद) में मैं सरकार के साथ हूं। देश विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। चाहे जेएनयू हो या देश की कोई और जगह, किसी को भी भारत विरोधी गतिविधियों का अड्डा नहीं बनने देना चाहिए।" पूर्व विदेश और वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने जेएनयू में 9 फरवरी के कार्यक्रम (जिसमें देश विरोधी नारे लगे थे) के संदर्भ में कहा, "जेएनयू में जो हुआ, वह बिल्कुल गलत है। सरकार ने बिल्कुल सही फैसला लिया। जब सरकार ने कड़े कदम उठाया तो कांग्रेस ने राजनीति शुरू कर दी।"
'मोदी सरकार के लिए बाधा पैदा कर रही कांग्रेस'
सिन्हा ने कांग्रेस पर मोदी सरकार के लिए कठिनाइयां पैदा करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "चाहे वह एफटीआईआई हो, हैदराबाद हो या जेएनयू..लोकसभा में कांग्रेस की हार के बाद, देश में कुछ ऐसे तत्व हैं जो नहीं चाहते कि यह सरकार खुलकर काम करे। जब भी उन्हें मौका मिलता है, वे मोदी सरकार के लिए बाधा पैदा कर देते हैं।"
कहा-राजनाथ को क्या इंडिया गेट पर सबूत दिखाना चाहिए
सिन्हा ने कांग्रेस द्वारा गृहमंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान का सबूत मांगने की भी आलोचना की जिसमें राजनाथ ने जेएनयू घटना को आतंकवादी हाफिज सईद के समर्थन की बात कही थी। सिन्हा ने कहा, "वे कौन होते हैं सबूत मांगने वाले। राजनाथ को क्या इंडिया गेट या विजय चौक पर सबूत दिखाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि देश को गृह मंत्री के बात पर भरोसा करना ही चाहिए।
पाकिस्तान के साथ रखा जाए केवल कामकाजी रिश्ता
यशवंत सिन्हा ने मोदी द्वारा पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाए जाने की फिर आलोचना की। उन्होंने कहा कि मोदी को लाहौर नहीं जाना चाहिए था। हम ऐसी कोशिशों का बुरा अंजाम अटल बिहारी वाजपेयी के समय में देख चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ केवल कामकाजी रिश्ता रखना चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कहता कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई छेड़ देनी चाहिए और न ही मैं यह कहता हूं कि हमें पाकिस्तान में उच्चायोग बंद कर देना चाहिए। मैं बस इतना चाहता हूं कि पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत न हो।"
...ऐसे में बातचीत कैसे बढ़ सकती है आगे
यशवंत सिन्हा के पुत्र जयंत सिन्हा मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री हैं। यशवंत का कहना है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी हो जब वह सीमा पार आतंकवाद पर बातचीत के लिए तैयार हो। हम उनसे आतंकवाद पर बात करना चाहते हैं तो वे कश्मीर का 'राग' छेड़ देते हैं। इस तरह बातचीत कैसे आगे बढ़ सकती है। सिन्हा ने मोदी की वाजपेयी से तुलना करने से इनकार करते हुए कहा, "मुझे मोदी के साथ काम करने का कोई अनुभव नहीं है।"वहीं, अमित शाह के बारे पूछने पर सिन्हा ने कुछ भी कहने से इनकार किया। उन्होंने कहा, "मैं शाह पर कोई बयान नहीं दूंगा। मैंने आपका प्रश्न सुना ही नहीं। "
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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