बीएसएफ की हेल्पलाइन पर कोई भी जवान अपनी शिकायत गुप्त तरीके से दर्ज करा सकता है
नई दिल्ली:
सोशल मीडिया में अर्द्धसैनिक बलों और सेना के जवानों की शिकायतें सामने आने के बाद न केवल रक्षा मंत्रालय हरकत में आ गया है, बल्कि बीएसएफ ने भी एक हेल्पलाइन की शुरुआत की है, ताकि जवानों की समस्या का हल जल्द से जल्द किया जा सके.
बीएसएफ द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन पर कोई भी जवान 31 जनवरी तक अपनी शिकायत फोन के जरिये गुप्त तरीके से दर्ज करा सकता है. कॉल करते वक्त जवानों से नाम, रैंक और पद कुछ नहीं पूछे जाएंगे. बल के महानिदेशक केके शर्मा के मुताबिक अगर वाजिब शिकायत पाई जाएगी, तो उस पर जरूर कार्रवाई होगी.
एक जांच करने वाली टीम भी बनाई गई है, जो जगह-जगह जाकर चेकिंग करेगी. इतना ही नहीं वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है, जो मौजूदा व्यवस्था का ऑडिट करेगी. व्यवस्था में मौजूद कमियों को सामना लाना और दूर करने के सुझाव देना इसका काम होगा. साथ ही जवानों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने की कोशिश होगी.
(पढ़ें : कई जवानों के वीडियो सामने आने के बाद आर्मी अफसरों ने पोस्ट किए जवाबी वीडियो)
उधर, रक्षा मंत्रालय सैनिकों की चिंता दूर करने के लिए नया मैकेनिज्म विकसित कर रहा है. हालांकि सेना प्रमुख बिपिन रावत ने यह भी कहा है कि अगर शिकायतों को लेकर जवान सोशल मीडिया में वीडियो अपलोड करते है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है.
उल्लेखनीय है कि पहले बीएसएफ के एक जवान, फिर सीआरपीएफ और उसके बाद सेना के जवान ने आरोप लगाया था कि जवानों को घटिया खाने की सप्लाई की जाती है. यही नहीं सेना में जारी सहायक सिस्टम पर भी सवाल उठाए गए और आरोप लगाया गया कि जवानों से बूट पॉलिश से लेकर कपड़े तक धुलवाए जाते हैं.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस मामले को काफी गंभीरता से लिया गया है. देश भर में हजारों यूनिट हैं और हर स्तर पर मॉनिटर करना मुश्किल है, इसलिए एक तंत्र बनाने की जरूरत है. मंत्रालय ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है.
बीएसएफ द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन पर कोई भी जवान 31 जनवरी तक अपनी शिकायत फोन के जरिये गुप्त तरीके से दर्ज करा सकता है. कॉल करते वक्त जवानों से नाम, रैंक और पद कुछ नहीं पूछे जाएंगे. बल के महानिदेशक केके शर्मा के मुताबिक अगर वाजिब शिकायत पाई जाएगी, तो उस पर जरूर कार्रवाई होगी.
एक जांच करने वाली टीम भी बनाई गई है, जो जगह-जगह जाकर चेकिंग करेगी. इतना ही नहीं वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है, जो मौजूदा व्यवस्था का ऑडिट करेगी. व्यवस्था में मौजूद कमियों को सामना लाना और दूर करने के सुझाव देना इसका काम होगा. साथ ही जवानों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने की कोशिश होगी.
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उधर, रक्षा मंत्रालय सैनिकों की चिंता दूर करने के लिए नया मैकेनिज्म विकसित कर रहा है. हालांकि सेना प्रमुख बिपिन रावत ने यह भी कहा है कि अगर शिकायतों को लेकर जवान सोशल मीडिया में वीडियो अपलोड करते है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है.
उल्लेखनीय है कि पहले बीएसएफ के एक जवान, फिर सीआरपीएफ और उसके बाद सेना के जवान ने आरोप लगाया था कि जवानों को घटिया खाने की सप्लाई की जाती है. यही नहीं सेना में जारी सहायक सिस्टम पर भी सवाल उठाए गए और आरोप लगाया गया कि जवानों से बूट पॉलिश से लेकर कपड़े तक धुलवाए जाते हैं.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस मामले को काफी गंभीरता से लिया गया है. देश भर में हजारों यूनिट हैं और हर स्तर पर मॉनिटर करना मुश्किल है, इसलिए एक तंत्र बनाने की जरूरत है. मंत्रालय ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है.