दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) तेजिंदर सिंह को जमानत दे दी। उन पर पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह को सेना के लिए खराब गुणवत्ता वाले टाट्रा ट्रकों की खरीद की मंजूरी देने के लिए रिश्वत की पेशकश करने का आरोप है। इस मामले में निचली अदालत से जमानत नहीं मिलने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह को एक लाख रुपये की जमानत और इतनी ही राशि की दो अमानतें भरने के आदेश दिए।
सिंह ने निचली अदालत के एक सितंबर के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। निचली अदालत ने उन्हें 20 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया था।
उनके वकील ने कहा कि पूर्व सैनिक अधिकारी को इस मामले में झूठ में फंसाया गया है, क्योंकि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनकी जमानत का विरोध किया।
सीबीआई अदालत के न्यायाधीश ने तेजिंदर सिंह को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए यह उल्लेख किया था कि वे सेना में ले. जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और उन्होंने तत्कालीन सेनाध्यक्ष को 14 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की।
मार्च 2012 में जनरल वीके सिंह ने आरोप लगाया था कि 1,676 टाट्रा ट्रकों को सेना के लिए खरीद की स्वीकृति देने के लए उन्हें 14 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि तेजिंदर सिंह ने उनसे अगस्त-सितंबर 2010 में मुलाकात की थी और उन्हें टाट्रा ट्रकों की खरीद से संबंधित फाइल निस्तारित करने के एवज में वेक्ट्रा समूह के प्रमुख रवि ऋषि की तरफ से पैसे की पेशकश की थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं