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This Article is From Nov 15, 2018

संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसम्बर से आठ जनवरी तक

अगले लोकसभा चुनाव से पहले ये संसद का आखरी शीतकालीन सत्र होगा. सरकार के एजेंडा में शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 15 बिल शामिल किये गए हैं जबकि राज्यसभा में 8 बिल शामिल किये गए हैं.

संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसम्बर से आठ जनवरी तक
भारतीय संसद भवन (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से 8 जनवरी, 2019 के बीच होगा. संसदीय कार्य मंत्रालय के मुताबिक इस सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा की 20 बैठकें होंगी. मंगलवार को हुई कैबिनेट की संसदीय मामलों की समिति की एक एहम बैठक में ये फैसला लिया गया. संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने दिल्ली में बुधवार को इसकी घोषणा की. संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने इस बात की पुष्टि की है कि सत्र 11 दिसम्बर से लेकर 8 जनवरी तक चलेगा और इसमें 20 कार्य दिवस होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी दलों का सहयोग और समर्थन चाहते हैं ताकि सत्र के दौरान संसद का संचालन सुचारू ढंग से हो सके.''

अगले लोकसभा चुनाव से पहले ये संसद का आखरी शीतकालीन सत्र होगा. सरकार के एजेंडा में शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 15 बिल शामिल किये गए हैं जबकि राज्यसभा में 8 बिल शामिल किये गए हैं. सूत्रों के मुताबिक इस सत्र मे सरकार के एजेंडा में 3 अध्यादेश सबसे ऊपर है जिसमें ट्रिपल तलाक़ और मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया शामिल हैं.

संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं की विपक्षी दलों के पूरा सहयोग सरकार को मिलेगा. सरकार हर विषय पर संसद में चर्चा को तैयार है." राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक अगर किसी पूर्व प्रधानमंत्री का निधन दो सेशन के टर्म के बीच में हो जाता है तो उन्हें श्रद्धांजलि देकर सदन की कार्रवाई नए सेशन के पहले दिन स्थगित कर दी जाती है. इस बार भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की वजह से 11 दिसंबर को राज्यसभा की कार्रवाई उन्हें श्रद्धांजलि देकर स्थगित कर दी जाएगी.

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