रॉकी यादव (फाइल फोटो)
गया/पटना:
बिहार के गया में रोडरेज के मामले में हत्या के आरोपी रॉकी यादव ने अपना जुर्म क़बूल लिया है। NDTV को सूत्रों के हवाले से ये जानकारी मिली है। साथ ही सूत्रों के मुताबिक़, शुरुआती एफएसएल रिपोर्ट में ख़ुलासा हुआ है कि रॉकी की पिस्तौल से ही आदित्य सचदेव को गोली मारी गई थी।
पहले क्या कहा था रॉकी ने..
वारदात के वक़्त रॉकी के साथ एक बॉडीगार्ड भी था। रॉकी और बॉडीगार्ड तो पुलिस की गिरफ़्त में है लेकिन तीसरा शख़्स अब भी फ़रार है। जेडीयू नेता के बेटे रॉकी को पुलिस ने गया से करीब 25 किमी दूर बोधगया से गिरफ्तार किया था। रॉकी सड़क पर झगड़े में 20 वर्षीय एक युवक की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या का आरोपी है। इस घटना के बाद से ही वह फरार चल रहा था। गिरफ्तारी के बाद रॉकी यादव को मीडिया के सामने पेश किया गया, जहां उसने पत्रकारों से कहा, "मैंने किसी को गोली नहीं मारी... मैं दिल्ली में था, और इसलिए लौटा, क्योंकि मेरी मां ने मुझे बुलाया...।"
दिल्ली पुलिस ने बताया कि रॉकी को क्यों दिया था हथियार का लाइसेंस...
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को जानकारी दी कि रॉकी यादव को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के तत्वों से खतरे के आधार पर हथियार का लाइसेंस दिया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रॉकी ने 12 जून, 2013 को दिल्ली पुलिस से लाइसेंस प्राप्त किया था। अपने पते के प्रमाण के लिए उसने दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में किराये के एक मकान के कागजात जमा किये थे।
इससे पहले शनिवार को केंद्र सरकार पर जवाबी हमला बोलते हुए बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पूछा कि रॉकी को दिल्ली में बिना उचित सत्यापन के पिस्तौल का लाइसेंस कैसे मिल गया। उन्होंने मामले में पूरी तरह जांच की मांग की। राजद नेता ने कहा कि दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन है और इसलिए नियमों की अवहेलना करते हुए लाइसेंस जारी करने के बारे में उन्हें बताना होगा। इसके बाद दिल्ली पुलिस की लाइसेंस देने वाली इकाई को रिकॉर्ड निकालने पड़े, जिसके बाद सामने आया कि लाइसेंस के लिए आवेदन करते हुए रॉकी ने एक लिखित बयान में एक निजी निर्माण कंपनी का कार्यकारी निदेशक होने का दावा किया था।
अधिकारी ने कहा, ‘रॉकी ने यह दावा भी किया था कि कंपनी ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों और अन्य सुविधाओं के निर्माण के लिए कई सरकारी ठेके लिये हैं जिसके चलते उसकी जान को खतरा है।’
पहले क्या कहा था रॉकी ने..
वारदात के वक़्त रॉकी के साथ एक बॉडीगार्ड भी था। रॉकी और बॉडीगार्ड तो पुलिस की गिरफ़्त में है लेकिन तीसरा शख़्स अब भी फ़रार है। जेडीयू नेता के बेटे रॉकी को पुलिस ने गया से करीब 25 किमी दूर बोधगया से गिरफ्तार किया था। रॉकी सड़क पर झगड़े में 20 वर्षीय एक युवक की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या का आरोपी है। इस घटना के बाद से ही वह फरार चल रहा था। गिरफ्तारी के बाद रॉकी यादव को मीडिया के सामने पेश किया गया, जहां उसने पत्रकारों से कहा, "मैंने किसी को गोली नहीं मारी... मैं दिल्ली में था, और इसलिए लौटा, क्योंकि मेरी मां ने मुझे बुलाया...।"
दिल्ली पुलिस ने बताया कि रॉकी को क्यों दिया था हथियार का लाइसेंस...
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को जानकारी दी कि रॉकी यादव को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के तत्वों से खतरे के आधार पर हथियार का लाइसेंस दिया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रॉकी ने 12 जून, 2013 को दिल्ली पुलिस से लाइसेंस प्राप्त किया था। अपने पते के प्रमाण के लिए उसने दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में किराये के एक मकान के कागजात जमा किये थे।
इससे पहले शनिवार को केंद्र सरकार पर जवाबी हमला बोलते हुए बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पूछा कि रॉकी को दिल्ली में बिना उचित सत्यापन के पिस्तौल का लाइसेंस कैसे मिल गया। उन्होंने मामले में पूरी तरह जांच की मांग की। राजद नेता ने कहा कि दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन है और इसलिए नियमों की अवहेलना करते हुए लाइसेंस जारी करने के बारे में उन्हें बताना होगा। इसके बाद दिल्ली पुलिस की लाइसेंस देने वाली इकाई को रिकॉर्ड निकालने पड़े, जिसके बाद सामने आया कि लाइसेंस के लिए आवेदन करते हुए रॉकी ने एक लिखित बयान में एक निजी निर्माण कंपनी का कार्यकारी निदेशक होने का दावा किया था।
अधिकारी ने कहा, ‘रॉकी ने यह दावा भी किया था कि कंपनी ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों और अन्य सुविधाओं के निर्माण के लिए कई सरकारी ठेके लिये हैं जिसके चलते उसकी जान को खतरा है।’
(आदित्य सचदेव जिसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं