नारायण राणे का आरोप है कि कांग्रेस पार्टी लगातार कमजोर हो रही है और राहुल गांधी चुप हैं (फाइल फोटो)
मुंबई:
चुनावों में कांग्रेस की लगातार हार से कांग्रेस की अंदरुनी फूट अब खुलकर सामने आने लगी है. कुछ कांग्रेसी पार्टी की इस दशा के लिए पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराने लगे हैं. इस कड़ी में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने मुम्बई में एक प्रेस कांफ्रेंस में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र कांग्रेस को मजबूत करने के लिए कुछ भी नहीं किया है.
नारायण राणे ने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष से मिले थे और उन्हें सारी स्थिति से अवगत कराया. उन्होंने ठोस उपाया करने की बात तो कही थी, लेकिन अभी तक किया कुछ भी नहीं. इससे पार्टी सूबे में लगातार कमजोर होती जा रही है.
दरअसल, इस राहुल गांधी के साथ मुलाकात के बाद नारायण राणे के कांग्रेस छोड़ने को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा जोर पकड़ चुकी है. बुधवार को नारायण राणे अहमदाबाद में थे. बताया गया कि वे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने वहां गए थे. हालांकि राणे ने इस बात को नकार दिया है.
उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वे कांग्रेस से नाराज़ चल रहे हैं, लेकिन वे किस पार्टी को जॉइन करेंगे इसका फैसला उन्होंने अभीतक नहीं लिया है. चर्चा है कि उन्हें बीजेपी में शामिल होने का ऑफर भी मिला है.
शिवसैनिक के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले नारायण राणे को शिवसेना-बीजेपी की पहली सरकार का दूसरा मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला. उसके बाद 2005 में वे कांग्रेस में शामिल हुए. राणे तब से अबतक समय-समय पर कांग्रेस को चुनौती देते आए हैं.
इस दौरान उन्होंने सोनिया गांधी, अहमद पटेल, विलासराव देशमुख और अशोक चव्हाण जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को लेकर काफ़ी विवादित बयानबाज़ी की है. इसके बावजूद कांग्रेस ने 2014 के बाद उन्हें दो बार विधानसभा का टिकट दिया. राणे दोनों चुनाव हार गए. पार्टी ने उन्हें फिर भी विधान परिषद सदस्य बनाया.
नारायण राणे ने कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष से मिले थे और उन्हें सारी स्थिति से अवगत कराया. उन्होंने ठोस उपाया करने की बात तो कही थी, लेकिन अभी तक किया कुछ भी नहीं. इससे पार्टी सूबे में लगातार कमजोर होती जा रही है.
दरअसल, इस राहुल गांधी के साथ मुलाकात के बाद नारायण राणे के कांग्रेस छोड़ने को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा जोर पकड़ चुकी है. बुधवार को नारायण राणे अहमदाबाद में थे. बताया गया कि वे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने वहां गए थे. हालांकि राणे ने इस बात को नकार दिया है.
उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वे कांग्रेस से नाराज़ चल रहे हैं, लेकिन वे किस पार्टी को जॉइन करेंगे इसका फैसला उन्होंने अभीतक नहीं लिया है. चर्चा है कि उन्हें बीजेपी में शामिल होने का ऑफर भी मिला है.
शिवसैनिक के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले नारायण राणे को शिवसेना-बीजेपी की पहली सरकार का दूसरा मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला. उसके बाद 2005 में वे कांग्रेस में शामिल हुए. राणे तब से अबतक समय-समय पर कांग्रेस को चुनौती देते आए हैं.
इस दौरान उन्होंने सोनिया गांधी, अहमद पटेल, विलासराव देशमुख और अशोक चव्हाण जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को लेकर काफ़ी विवादित बयानबाज़ी की है. इसके बावजूद कांग्रेस ने 2014 के बाद उन्हें दो बार विधानसभा का टिकट दिया. राणे दोनों चुनाव हार गए. पार्टी ने उन्हें फिर भी विधान परिषद सदस्य बनाया.
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