वाइके सभरवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश वाईके सभरवाल का कल शाम यहां निधन हो गया। 73-वर्षीय न्यायमूर्ति सभरवाल के परिवार में उनके दो बेटे चेतन और नितिन हैं।
न्यायमूर्ति सभरवाल 1 नवंबर, 2005 से 13 जनवरी, 2007 तक भारत के प्रधान न्यायाधीश पद पर रहे थे। सभरवाल 1986 में दिल्ली हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए थे, जिसके बाद अप्रैल 1987 में उन्हें इसी अदालत में स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। 28 जनवरी, 2001 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बनने से पहले वह बतौर मुख्य न्यायमूर्ति बॉम्बे हाईकोर्ट भी गए थे।
न्यायाधीश सभरवाल ने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए, जिनमें 2006 में बिहार विधानसभा को भंग करने के निर्णय को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार देने का फैसला भी शामिल है।
न्यायमूर्ति सभरवाल 1 नवंबर, 2005 से 13 जनवरी, 2007 तक भारत के प्रधान न्यायाधीश पद पर रहे थे। सभरवाल 1986 में दिल्ली हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए थे, जिसके बाद अप्रैल 1987 में उन्हें इसी अदालत में स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। 28 जनवरी, 2001 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बनने से पहले वह बतौर मुख्य न्यायमूर्ति बॉम्बे हाईकोर्ट भी गए थे।
न्यायाधीश सभरवाल ने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए, जिनमें 2006 में बिहार विधानसभा को भंग करने के निर्णय को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार देने का फैसला भी शामिल है।
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