नई दिल्ली:
चार दिन की छुट्टी के बाद आज संसद की कार्यवाही फिर शुरू हुई. लोकसभा शुरू होते ही चार मिनट में स्थगित हो गई और फिर लगातार हंगामे के चलते करीब 12.15 बजे कल तक के लिए स्थगित कर दी गई. यानि संसद में आज सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बात नहीं बन पाई.
सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस चाहती है नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा के बाद वोटिंग हो जबकि सरकार का आज भी स्टैंड साफ है कि बहस के बाद वोटिंग नहीं होगी. दोनों ही दल अभी भी मुद्दे पर बहस के लिए नियमों में उलझे हुए हैं.
उधर, इस मुद्दे पर चर्चा में एक पेंच यह भी है कि कांग्रेस की मांग है कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे पर चर्चा में अपनी बात पहले रखेंगे. वहीं, सरकार को यह अंदेशा है कि राहुल गांधी के बोलने के बाद कांग्रेसी सांसद पहले की तरह फिर से हंगामा करने लगेंगे और पीएम मोदी सहित अन्य सदस्यों को बोलने का मौका नहीं मिलेगा.
आज सुबह राहुल गांधी ने संसद जाने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि वह संसद में बोलने आए हैं लेकिन देखते हैं, सरकार इस पर बोलने देती है या नहीं.
बीजेपी और कांग्रेस ने अपने दोनों सदन के सदस्यों को बाकी बचे सत्र में मौजूद रहने को कहा है. संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी भी सत्र के बाकी तीन दिन सदन में मौजूद रहेंगे.
इससे पहले पीएम मोदी ने आज सुबह अपने प्रमुख मंत्रियों के साथ बैठक की और सरकार की रणनीति पर चर्चा की. पूरे सत्र में नोटबंदी का मुद्दा छाया रहा और अब तक इस मामले पर चर्चा नहीं हो सकी. वहीं, कांग्रेस को लगता है कि बीजेपी अगस्तावेस्टलैंड के मुद्दे को उठाकर उसके शीर्ष नेताओं पर निशाना साध सकती है. इसलिए सुबह संसद की बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ सदन में अपनी रणनीति तय करने के लिए बैठक की.
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा था कि पीएम शीतकालीन सत्र के बाकी तीन दिन संसद में मौजूद रहेंगे और जरूरत पड़ने पर किसी भी सदन में कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं.
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मौजूदा सत्र पर नोटबंदी के मुद्दे की छाया बनी रही है और अब तक इस विषय पर चर्चा नहीं हो सकी है. सूत्रों ने कहा कि विपक्षी कांग्रेस को लगता है कि सत्तारूढ़ पक्ष नोटबंदी से लोगों को हो रही परेशानियों से ध्यान हटाने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मुद्दे को उठाकर उसके शीर्ष नेताओं पर निशाना साध सकती है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार नोटबंदी के विषय पर संसद में चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने मंगलवार को एक बार फिर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से नोटबंदी पर चर्चा शुरू करने का आग्रह किया.
कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि सरकार ने गतिरोध को समाप्त करने के लिए विपक्ष से संपर्क साधने का कोई प्रयास नहीं किया है. सरकार और विपक्ष, खासकर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस अपने रुख पर अड़े हैं. विपक्ष का कहना है कि चर्चा वोटिंग वाले प्रावधान के तहत होनी चाहिए वहीं सत्तापक्ष ने इसे खारिज कर दिया है.
वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ‘इसलिए, राष्ट्रीय दृष्टिकोण से मैं विपक्ष से अपील करंगा कि अवरोध पैदा करने के बजाय इस अभियान में शामिल हों.’ गत 16 नवंबर को शुरू हुए शीतकालीन सत्र का समापन आगामी शुक्रवार को होना है और कुल मिलाकर यह संसद सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया लगता है.
नोटबंदी और अन्य मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण संसद में बहुत कम जरूरी कामकाज हुआ है. लोकसभा और राज्यसभा, दोनों ही सदनों में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा को लेकर गतिरोध बना हुआ है. हालांकि लोकसभा ने दो जरूरी विधायी कामकाज निपटाये जिनमें आयकर संशोधन विधेयक का पारित होना और अनुदान की पूरक मांगों को मंजूरी शामिल है. दोनों ही हंगामे के बीच हुए. राज्यसभा में सामान्य तौर पर पहले ही दिन कुछ कामकाज हो सका जब नोटबंदी पर चर्चा शुरू हो गयी थी और उसके बाद से उच्च सदन में कोई काम नहीं हुआ.
(साथ में इनपुट भाषा से...)
सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस चाहती है नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा के बाद वोटिंग हो जबकि सरकार का आज भी स्टैंड साफ है कि बहस के बाद वोटिंग नहीं होगी. दोनों ही दल अभी भी मुद्दे पर बहस के लिए नियमों में उलझे हुए हैं.
उधर, इस मुद्दे पर चर्चा में एक पेंच यह भी है कि कांग्रेस की मांग है कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे पर चर्चा में अपनी बात पहले रखेंगे. वहीं, सरकार को यह अंदेशा है कि राहुल गांधी के बोलने के बाद कांग्रेसी सांसद पहले की तरह फिर से हंगामा करने लगेंगे और पीएम मोदी सहित अन्य सदस्यों को बोलने का मौका नहीं मिलेगा.
आज सुबह राहुल गांधी ने संसद जाने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि वह संसद में बोलने आए हैं लेकिन देखते हैं, सरकार इस पर बोलने देती है या नहीं.
बीजेपी और कांग्रेस ने अपने दोनों सदन के सदस्यों को बाकी बचे सत्र में मौजूद रहने को कहा है. संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी भी सत्र के बाकी तीन दिन सदन में मौजूद रहेंगे.
इससे पहले पीएम मोदी ने आज सुबह अपने प्रमुख मंत्रियों के साथ बैठक की और सरकार की रणनीति पर चर्चा की. पूरे सत्र में नोटबंदी का मुद्दा छाया रहा और अब तक इस मामले पर चर्चा नहीं हो सकी. वहीं, कांग्रेस को लगता है कि बीजेपी अगस्तावेस्टलैंड के मुद्दे को उठाकर उसके शीर्ष नेताओं पर निशाना साध सकती है. इसलिए सुबह संसद की बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ सदन में अपनी रणनीति तय करने के लिए बैठक की.
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा था कि पीएम शीतकालीन सत्र के बाकी तीन दिन संसद में मौजूद रहेंगे और जरूरत पड़ने पर किसी भी सदन में कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं.
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार नोटबंदी के विषय पर संसद में चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने मंगलवार को एक बार फिर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से नोटबंदी पर चर्चा शुरू करने का आग्रह किया.
कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि सरकार ने गतिरोध को समाप्त करने के लिए विपक्ष से संपर्क साधने का कोई प्रयास नहीं किया है. सरकार और विपक्ष, खासकर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस अपने रुख पर अड़े हैं. विपक्ष का कहना है कि चर्चा वोटिंग वाले प्रावधान के तहत होनी चाहिए वहीं सत्तापक्ष ने इसे खारिज कर दिया है.
वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ‘इसलिए, राष्ट्रीय दृष्टिकोण से मैं विपक्ष से अपील करंगा कि अवरोध पैदा करने के बजाय इस अभियान में शामिल हों.’ गत 16 नवंबर को शुरू हुए शीतकालीन सत्र का समापन आगामी शुक्रवार को होना है और कुल मिलाकर यह संसद सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया लगता है.
नोटबंदी और अन्य मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण संसद में बहुत कम जरूरी कामकाज हुआ है. लोकसभा और राज्यसभा, दोनों ही सदनों में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा को लेकर गतिरोध बना हुआ है. हालांकि लोकसभा ने दो जरूरी विधायी कामकाज निपटाये जिनमें आयकर संशोधन विधेयक का पारित होना और अनुदान की पूरक मांगों को मंजूरी शामिल है. दोनों ही हंगामे के बीच हुए. राज्यसभा में सामान्य तौर पर पहले ही दिन कुछ कामकाज हो सका जब नोटबंदी पर चर्चा शुरू हो गयी थी और उसके बाद से उच्च सदन में कोई काम नहीं हुआ.
(साथ में इनपुट भाषा से...)
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