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This Article is From Nov 05, 2020

फर्जी वेबसाइट बना नौकरी देने के नाम पर हजारों युवाओं को ठगा, पांच गिरफ्तार, यूं चलता था गोरखधंधा..

गिरफ्तार किए गए लोगों में से संदीप और जोगिंदर सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल हैं, इन्‍होंने ही इस फ़र्ज़ी वेबसाइट को डिजाइन किया था. रामधारी इस गैंग का एक मास्टरमाइंड है जो दिल्ली में एकलव्य नाम से ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर चलाता है.

फर्जी वेबसाइट बना नौकरी देने के नाम पर हजारों युवाओं को ठगा, पांच गिरफ्तार, यूं चलता था गोरखधंधा..
फर्जी वेबसाइट पर अलग-अलग तरह की हजारों नौकरियों की वैकेंसी निकाली गईं
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की साइबर सेल ने फ़र्ज़ी सरकारी वेबसाइट (Fake Website) बनाकर नौकरी देने के नाम पर (Providing jobs) ठगी करने वाले एक बहुत बड़े गिरोह का खुलासा किया है. पूरे देश में ठगी के शिकार लोगों की संख्या 27000 से अधिक है. गैंग के 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि मुख्‍य मास्टरमाइंड की तलाश जारी है. साइबर सेल के डीसीपी अनयेश रॉय के मुताबिक, उनके पास एक शिकायत आई थी जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत चल रही एक वेबसाइट स्वास्थ्य एवीएम जन कल्याण संस्थान के जरिये नौकरी के लिए अप्लाई किया था, लेकिन ऑनलाइन फ़ीस देने के बाद अब वेबसाइट वालों से कोई संपर्क नहीं जो पा रहा है, उसके साथ ठगी हुई है. पुलिस ने जांच के बाद केस दर्ज किया और जब इस वेबसाइट और इससे जुड़ी 2 और वेबसाइट के बारे में पता किया तो पुलिस के होश उड़ गए. पता चला कि कोई सरकारी वेबसाइट नहीं है बल्कि वेबसाइट को हरियाणा के हिसार से एक गैंग चला रहा है. इन वेबसाइट पर अलग-अलग तरह की 13 हज़ार नौकरियों की वैकेंसी निकाली गई है, जिनमें क्लर्क से लेकर एम्बुलेंस ड्राइवर तक है. इस गैंग से 49 लाख रुपये बरामद हुए है,इनके कई बैंक खातों को फ़्रीज़ कर दिया गया है, अब इस मामले में दूसरे मुख्य आरोपी विष्णु शर्मा की तलाश जारी है.

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पुलिस के मुताबिक, नौकरी पाने वालों में इन वेबसाइट की इतनी चर्चा बढ़ गई कि कई मीडिया संस्थानों ने भी इन वेबसाइट को असल समझकर इनकी कवरेज की. वेबसाइट के लिंक पर रजिस्ट्रेशन के लिए 15 लाख से ज्यादा मैसेज आये और नौकरी की चाहत रखने वाले 27 हज़ार से ज्यादा लोगों ठगी के शिकार हो गए. पुलिस ने वेबसाइट से जुड़े अकॉउंट नम्बर और मोबाइल नंबर की जांच की तो पता चला कि वेबसाइट के जरिये जो पैसा ऑनलाइन मंगाया जा रहा है वो अलग-अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो रहा है और फिर ये पैसा हिसार में अलग-अलग ATM से निकाला जा रहा है. पुलिस ने हिसार के एक ATM से पैसा निकालते हुए सबसे पहले अमन खटकर नाम के शख्स को गिरफ्तार किया. इसके बाद इसी गैंग के चार और लोगों सुरेंद्र सिंह, संदीप ,रामधारी और जोगिंदर सिंह को गिरफ्तार किया.

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गिरफ्तार किए गए लोगों में से संदीप और जोगिंदर सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल हैं, इन्‍होंने ही इस फ़र्ज़ी वेबसाइट को डिजाइन किया था. रामधारी इस गैंग का एक मास्टरमाइंड है जो दिल्ली में एकलव्य नाम से ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर चलाता है. इनसे पूछताछ में पता चला कि इस गिरोह के सरगना रामधारी और विष्णु शर्मा हैं जो दिल्ली में एक ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर चलाते है जो कई सरकारी एग्जाम करवाते हैं. इन लोगों ने अपने एग्जाम सेंटर में एग्जाम देने आए लोगों का डेटा लेकर उन्हें नौकरी की वैकेंसी के लिए अपनी फ़र्ज़ी वेबसाइट का मैसेज किया और फिर हर कैंडिडेट से 400-500 रुपये ऑनलाइन फीस लेकर उनसे संपर्क खत्‍म कर दिया.इस तरह से अब तक एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं. 

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