
- दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय(ED) को नोटिस जारी किया है.
- न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने ईडी को छह सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है और याचिका पर सुनवाई 10 सितंबर को निर्धारित की है.
- ईडी के वकील ने याचिका की स्वीकार्यता पर आपत्ति जताई और इसे धारा 482 के तहत दायर दूसरी पुनरीक्षण याचिका बताते हुए अस्वीकार करने का आग्रह किया.
दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से बुधवार को जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में जारी समन को बरकरार रखने संबंधी सत्र अदालत के आदेश को चुनौती दी थी. न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा ने याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया और छह सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा.
शुरुआत में ईडी के वकील ने याचिका की स्वीकार्यता पर आपत्ति जताई और तर्क दिया कि यह याचिका धारा 482 (उच्च न्यायालय की अंतर्निहित शक्ति) सीआरपीसी याचिका की आड़ में दायर दूसरी पुनरीक्षण याचिका के रूप में थी, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. हाई कोर्ट ने ईडी के वकील से कहा कि वह अपने जवाब में प्रारंभिक आपत्ति सहित सभी आपत्तियों का उल्लेख करें और मामले की सुनवाई 10 सितंबर के लिए सूचीबद्ध की.
केजरीवाल ने 17 सितंबर 2024 के एक विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी है. इसके अलावा उन्होंने 20 दिसंबर 2024 के सत्र न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है. इसमें उनके मामले को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने से इनकार संबंधी मजिस्ट्रेट अदालत के 24 अक्टूबर के आदेश को बरकरार रखा गया था.
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