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This Article is From May 02, 2018

दिल्ली, पटना से ज़्यादा प्रदूषित है वाराणसी, पढ़ें - कहीं आपका शहर टॉप 20 में तो नहीं

डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी आंकडों के मुताबिक, दुनिया के सबसे 20 प्रदूषित शहरों की सूची में भारत के 14 शहर शामिल हैं.

दिल्ली, पटना से ज़्यादा प्रदूषित है वाराणसी, पढ़ें - कहीं आपका शहर टॉप 20 में तो नहीं
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी आंकडों के मुताबिक, दुनिया के सबसे 20 प्रदूषित शहरों की सूची में भारत के 14 शहर शामिल हैं. नई दिल्ली, ग्वालियर, वाराणसी और कानपुर उन 14 भारतीय शहरों में से एक हैं, जो दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में सबसे ऊपर हैं. यह आंकड़े इन शहरों की जहरीले वायु गुणवत्ता के आधार पर जारी किये गये हैं. इस रिपोर्ट में  पीएम 10 और पीएम 2.5 के स्तर को शामिल किया गया है. 

वायु प्रदूषण का बड़ा स्रोत पार्टिकुलेट मैटर यानी पीएम को माना गया है, जिसमें सल्फेट, नाइट्रेट और काले कार्बन जैसे प्रदूषक - इसमें घरों, उद्योग, कृषि और परिवहन द्वारा ऊर्जा का अक्षम उपयोग शामिल हैं. 

सबसे प्रदूषित 14 शहरों के नाम 

शहर                  PM2 (प्रदूषण का स्‍तर)
1- कानपुर          173
2- फरीदाबाद       172
3- वाराणसी         151
4- गया               149
5- पटना             144
6- दिल्‍ली            143
7- लखनऊ           138
8- आगरा             131
9- मुजफ्फरपुर      120
10- श्रीनगर          113 
11- गुरुग्राम          113
12-जयपुर             105
13- पटियाला         101 
14- जोधपुर            98

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अन्य भारतीय शहरों मसलन फरीदाबाद, गया, आगरा, पटना, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुड़गांव, जयपुर, पटियाला और जोधपुर में पीएम 2.5 (वायु गुणवत्ता के मानक माप) प्रदूषण के बहुत उच्च स्तर दर्ज किये गये. भारत के सबसे अधिक प्रदूषित शहर ग्वालियर में 2012 में पीएम 10 और पीएम 2.5 दोनों का स्तर डब्ल्यूएचओ की सिफारिश की तुलना में लगभग 17 गुना अधिक था.

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इस रिपोर्ट में हैरान करने वाली बात है कि ज्यादातर शहर उत्तर भारत के हैं. इस लिस्ट में कानपुर टॉप पर है, तो वहीं दिल्ली छठे नंबर पर काबिज है. वहीं वाराणसी तीसरे और गया , पटना क्रमश: चौथे-पांचवे नंबर पर है.

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, धरती पर 10 लोगों में से नौ लोग प्रदूषित हवा सांस के रूप में लेते हैं, और इससे हर साल 7 मिलियन लोगों को की मौत होती है. इसमें एशियाई और अफ्रीकी देशों में ज्यादा मामले आते हैं. हृदय रोग, स्ट्रोक और फेफड़ों के कैंसर से लगभग एक चौथाई मौत की वजह वायु प्रदूषण ही होता है. 

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बता दें कि यह रिपोर्ट 108 देशों में 4,300 से अधिक शहरों और कस्बों से वायु गुणवत्ता डेटा प्रदान करती है, जो दुनिया के सबसे बड़े डेटाबेस, या आउटडोर, वायु प्रदूषण का गठन करती है. बता दें कि यह 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक आंकड़े हैं. 

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