Covid-19 वैक्सीन का ट्रायल (Covid-19 vaccine trial) कर रही ब्रिटेन की फार्मास्यूटिकल कंपनी AstraZeneca ने मंगलवार को बताया कि उसने अपना क्लीनिकल ट्रायल रोक दिया है क्योंकि एक वालंटियर में एक अनपेक्षित बीमारी दिखी है. इसे लेकर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) को कारण बताओ नोटिस भेजा है. डीसीजीआई ने नोटिस भेजकर पूछा, 'जब तक मरीज की सुरक्षा स्थापित नहीं होती तब तक आप को मिली क्लीनिकल ट्रायल की इजाजत क्यों ना निलंबित कर दी जाए?' ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया इस बात से नाराज है कि अमेरिका, यूके, ब्राज़ील और साउथ अफ्रीका में वैक्सीन का ट्रायल रोक दिया गया है लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इस बात की सूचना सेंट्रल लाइसेंसिंग अथॉरिटी को नहीं दी और ना ही उस घटना की casualty analysis रिपोर्ट दी है.
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दरअसल वैक्सीन का फेज 3 ट्रायल तब रोकना पड़ा जब यूके में एक वॉलंटियर की तबियत खराब हो गई. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि कारण बताओ नोटिस का तुरंत जवाब दें वरना यह मान लिया जाएगा कि आपके पास कोई सफाई नहीं है और आपके ऊपर उचित कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी और astrazeneca 'Covishield' नाम की कोरोना वैक्सीन का फेस 3 ट्रायल दुनिया के कई देशों में कर रहे हैं. भारत में सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इनका पार्टनर है जो इस वैक्सीन का फेस 3 ट्रायल कर रहा है. सिरम इंस्टीट्यूट ने यह साफ कर दिया था कि भले ही यूके में ट्रायल रोका गया है और उसकी समीक्षा की जा रही है लेकिन जहां तक भारत में चल रहे ट्रायल की बात है तो वह जारी है.
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इस पूरे मामले पर सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा, 'हम ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के दिशा निर्देशों का पालन कर रहे हैं और अभी तक हमें ट्रायल रोकने के लिए नहीं कहा गया. अगर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को सुरक्षा संबंधित कुछ चिंताएं हैं तो हम उनके निर्देशों का पालन करेंगे और स्टैण्डर्ड प्रोटोकॉल से काम करेंगे.'
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