![दिल्ली सरकार का 'बड़ा' फैसला, 22 प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना बेड्स की संख्या दोगुनी से ज्यादा बढ़ाई दिल्ली सरकार का 'बड़ा' फैसला, 22 प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना बेड्स की संख्या दोगुनी से ज्यादा बढ़ाई](https://c.ndtvimg.com/2020-06/0k0v1it_coronavirus-test-delhi-pti-_625x300_06_June_20.jpg?downsize=773:435)
Corona Cases In Delhi: दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना बेड की किल्लत को देखते हुए दिल्ली सरकार (Delhi Government) का बड़ा फैसला किया है. इसके तहत 22 प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना बेड्स की संख्या 20% से बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इन अस्पतालों में अपोलो, बत्रा, फोर्टिस, मैक्स, बीएल कपूर, महाराजा अग्रसेन, वेंकटेश्वर जैसे अस्पतालशामिल हैं. इन अस्पतालों में अभी 1441 कोरोना बेड हैं, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाकर 3456 कर दी गई है. इससे पहले दिल्ली सरकार ने आदेश दिया था कि दिल्ली के 50 बेड से ज्यादा क्षमता के जितने भी अस्पताल/नर्सिंग होम हैं वो 20% बेड कोरोना के लिए रिज़र्व करें. दरअसल देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते मामलों के मद्देनजर ज्यादातर बड़े प्राइवेट अस्पतालों में बेड भर चुके हैं. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने यह फैसला किया है. इन सभी अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को निर्देश दिया गया है कि वह दिल्ली कोरोना ऐप में इस डेटा को अपडेट करें.
गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना केस बढ़ते हुए 17 हजार के पार पहुंच गए हैं. देश में भी कोरोना के केसों की रफ्तार थम नहीं पा रही है. राज्य में कोरोना के केसों की संख्या 2 लाख 66 हजार के पार पहुंच चुकी है. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली और गुजरात कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित हैं. तमिलनाडु में अब तक 33 हजार से अधिक कोरोना के केस सामने आ चुके हैं.
इसके साथ ही सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में बेड की स्थिति क्या है, इसकी जानकारी आम जनता को सीधे उपलब्ध हो इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक आदेश जारी किया है. सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को दिल्ली सरकार ने निर्देश दिया है कि वे अस्पताल के मेन गेट पर 12x10 का बोर्ड लटकाएंबोर्ड पर जानकारी दी जाए कि इस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं. यह जानने के लिए Delhi Corona App और www.delhifightscorona.com पर जानकारी ले सकते हैं. बोर्ड पर लिखें कि बेड खाली होने पर भी अस्पताल मना करे तो 1031 शिकायत करें. इसके साथ ही बोर्ड पर लोगों को जानकारी दी जाए कि हल्के लक्षण वाले मरीज घर पर रहकर ठीक हो सकते हैं, अस्पताल में केवल गंभीर मरीज ही आएं. बोर्ड पर अस्पताल जानकारी दें कि अगर मरीज को गंभीर लक्षण है और टेस्ट नहीं हुआ है या रिपोर्ट नहीं आई है तो कोई भी अस्पताल मरीज को भर्ती करने से इंकार नहीं कर सकता. अगर अस्पताल मना करता है तो 1031 पर शिकायत करें.
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