मुंबई:
राजनाथ सिंह बीजेपी के अगले अध्यक्ष होंगे। सूत्रों के मुताबिक उनके नाम पर बीजेपी में सहमति बन गई है। इसके साथ ही नितिन गडकरी ने साफ़ कर दिया है कि वह दोबारा अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे।
बताया जा रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी ने नितिन गडकरी को दोबारा बीजेपी अध्यक्ष बनाने से साफ़ मना कर दिया। दोनों ही मंगलवार को मुंबई के क़रीब ठाणे के एक कायर्क्रम में एक साथ थे।
जानकारी के मुताबिक कायर्क्रम से पहले हुई बैठक में आडवाणी नितिन गडकरी के नाम पर सहमत नहीं हुए। इसपर नितिन गडकरी ने कहा कि अगर वह नहीं बनेंगे तो राजनाथ सिंह को अध्यक्ष बनाया जाए। राजनाथ सिंह के नाम पर आडवाणी भी सहमत हो गए। इसके अलावा आरएसएस ने भी राजनाथ के नाम पर एतराज़ नहीं किया। आरएसएस की ओर से उसके सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
इधर, दिल्ली में देर शाम अरुण जेटली के घर हुई उच्चस्तरीय बैठक में भी राजनाथ के नाम पर मुहर लगा दी गई। इस बैठक में सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू और अनंत कुमार भी शामिल हुए।
सूत्रों के अनुसार भाजपा के तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच शाम को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के दौरान गडकरी की जगह किसी और को अध्यक्ष बनाने का फैसला हुआ। इसके बाद गडकरी ने पद से इस्तीफा दे दिया।
गडकरी ने कहा कि वह नहीं चाहते कि उनके खिलाफ आरोपों का पार्टी के हितों पर प्रतिकूल असर पड़े। उन्होंने कहा, ‘...इसलिए मैंने भाजपा अध्यक्ष पद के दूसरे कार्यकाल के लिए दावेदारी नहीं करने का फैसला किया है।’ इस बीच बुधवार सुबह 9:30 बजे भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई है जिसमें इस सारे नए घटनाक्रम पर विचार करने के बाद अंतिम फैसला किया जाएगा।
गौरतलब है कि बुधवार को ही भाजपा के नए अध्यक्ष के बारे में अंतिम फैसला होना था और गडकरी द्वारा दूसरे कार्यकाल के लिए पार्टी का शीर्ष पद संभालना लगभग तय था। लेकिन भाजपा अध्यक्ष की कंपनी पूर्ति समूह से जुड़े कई ठिकानों पर आयकर विभाग के छापे मारे जाने के बाद पार्टी ने फैसला किया कि आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए गडकरी का इस पद पर बने रहना ठीक नहीं होगा और इससे कांग्रेस को भाजपा के खिलाफ प्रचार करने में सहायता मिलेगी।
इससे पहले, बीजेपी अध्यक्ष पद के चुनाव में तब एक नया मोड़ आ गया जब पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के स्वामित्व वाले पूर्ति समूह के खिलाफ आयकर विभाग की जांच तेज हो गई और अध्यक्ष पद पर पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष की दावेदारी पर सवालिया निशान लग गया। इस सिलसिले में पार्टी नेता अरुण जेटली के आवास पर अहम बैठक हुई।
आयकर विभाग के एक सूत्र ने बताया, हम कंपनियों के पतों का, उनके काम की प्रकृति का और इस बात का सत्यापन कर रहे हैं कि क्या सचमुच ये कंपनियां हैं। सूत्रों ने बताया कि विभाग की पुणे शाखा ने जांच के बारे में जब मुंबई शाखा से बात की तो अपने कुछ संदेहों के बारे में भी बताया, जिसके बाद जांच की गई। उन्होंने नाम जाहिर न करने के अनुरोध पर कहा, कंपनियों के निदेशक के तौर पर जिन लोगों के नाम हैं, जरूरत पड़ने पर हम उनके बयान दर्ज करेंगे। गडकरी ने अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा है। उन्हें आयकर विभाग ने ‘पूर्ति ग्रुप ऑफ कंपनीज़’ में कथित संदिग्ध निवेश की जांच के सिलसिले में सोमवार को पेश होने को कहा है।
सूत्रों ने बताया कि गडकरी ने पार्टी संबंधी कार्यों के चलते आयकर अधिकारियों के समक्ष पेश होने में असमर्थता जताई और उनसे कुछ समय देने की मांग की। सूत्रों के अनुसार, गडकरी से 1 फरवरी को पेश होने के लिए कहा गया है।
बताया जा रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी ने नितिन गडकरी को दोबारा बीजेपी अध्यक्ष बनाने से साफ़ मना कर दिया। दोनों ही मंगलवार को मुंबई के क़रीब ठाणे के एक कायर्क्रम में एक साथ थे।
जानकारी के मुताबिक कायर्क्रम से पहले हुई बैठक में आडवाणी नितिन गडकरी के नाम पर सहमत नहीं हुए। इसपर नितिन गडकरी ने कहा कि अगर वह नहीं बनेंगे तो राजनाथ सिंह को अध्यक्ष बनाया जाए। राजनाथ सिंह के नाम पर आडवाणी भी सहमत हो गए। इसके अलावा आरएसएस ने भी राजनाथ के नाम पर एतराज़ नहीं किया। आरएसएस की ओर से उसके सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
इधर, दिल्ली में देर शाम अरुण जेटली के घर हुई उच्चस्तरीय बैठक में भी राजनाथ के नाम पर मुहर लगा दी गई। इस बैठक में सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू और अनंत कुमार भी शामिल हुए।
सूत्रों के अनुसार भाजपा के तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच शाम को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के दौरान गडकरी की जगह किसी और को अध्यक्ष बनाने का फैसला हुआ। इसके बाद गडकरी ने पद से इस्तीफा दे दिया।
गडकरी ने कहा कि वह नहीं चाहते कि उनके खिलाफ आरोपों का पार्टी के हितों पर प्रतिकूल असर पड़े। उन्होंने कहा, ‘...इसलिए मैंने भाजपा अध्यक्ष पद के दूसरे कार्यकाल के लिए दावेदारी नहीं करने का फैसला किया है।’ इस बीच बुधवार सुबह 9:30 बजे भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई है जिसमें इस सारे नए घटनाक्रम पर विचार करने के बाद अंतिम फैसला किया जाएगा।
गौरतलब है कि बुधवार को ही भाजपा के नए अध्यक्ष के बारे में अंतिम फैसला होना था और गडकरी द्वारा दूसरे कार्यकाल के लिए पार्टी का शीर्ष पद संभालना लगभग तय था। लेकिन भाजपा अध्यक्ष की कंपनी पूर्ति समूह से जुड़े कई ठिकानों पर आयकर विभाग के छापे मारे जाने के बाद पार्टी ने फैसला किया कि आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए गडकरी का इस पद पर बने रहना ठीक नहीं होगा और इससे कांग्रेस को भाजपा के खिलाफ प्रचार करने में सहायता मिलेगी।
इससे पहले, बीजेपी अध्यक्ष पद के चुनाव में तब एक नया मोड़ आ गया जब पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के स्वामित्व वाले पूर्ति समूह के खिलाफ आयकर विभाग की जांच तेज हो गई और अध्यक्ष पद पर पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष की दावेदारी पर सवालिया निशान लग गया। इस सिलसिले में पार्टी नेता अरुण जेटली के आवास पर अहम बैठक हुई।
आयकर विभाग के एक सूत्र ने बताया, हम कंपनियों के पतों का, उनके काम की प्रकृति का और इस बात का सत्यापन कर रहे हैं कि क्या सचमुच ये कंपनियां हैं। सूत्रों ने बताया कि विभाग की पुणे शाखा ने जांच के बारे में जब मुंबई शाखा से बात की तो अपने कुछ संदेहों के बारे में भी बताया, जिसके बाद जांच की गई। उन्होंने नाम जाहिर न करने के अनुरोध पर कहा, कंपनियों के निदेशक के तौर पर जिन लोगों के नाम हैं, जरूरत पड़ने पर हम उनके बयान दर्ज करेंगे। गडकरी ने अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा है। उन्हें आयकर विभाग ने ‘पूर्ति ग्रुप ऑफ कंपनीज़’ में कथित संदिग्ध निवेश की जांच के सिलसिले में सोमवार को पेश होने को कहा है।
सूत्रों ने बताया कि गडकरी ने पार्टी संबंधी कार्यों के चलते आयकर अधिकारियों के समक्ष पेश होने में असमर्थता जताई और उनसे कुछ समय देने की मांग की। सूत्रों के अनुसार, गडकरी से 1 फरवरी को पेश होने के लिए कहा गया है।
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