पर्यावरण कानून की 'भेंट' नहीं चढ़ेंगे 'विकास कार्य', दिल्ली में राज्यों के साथ PM की बैठक आज

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार जल्द ही एक नए पर्यावरण कानून के लिए संसद में विधेयक लाने का रास्ता साफ कर रही है। बजट सत्र के दूसरे हिस्से के शुरू होने से पहले एनडीए सरकार सभी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ बैठक कर रही है। सोमवार से शुरू हो रही दो दिन की इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन भाषण देंगे, जिसके बाद अगले दो दिन तक पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और उनके मंत्रालय आला अधिकारी राज्यों के साथ परामर्श करेंगे। सभी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों को इस बैठक में बुलाया गया है।

एनडीटीवी इंडिया ने पहले ही आपको ख़बर दी थी कि सरकार जल्द ही एक वृहद पर्यावरण कानून के लिए विधेयक संसद में पेश करेगी। केंद्र में नई सरकार बनने के बाद से अब तक सौ से अधिक प्रशासनिक आदेशों के तहत कई नियम पहले ही बदले जा चुके हैं। पीएमओ ने पहले ही निर्देश दिए हैं कि एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार किया जाए, जिससे विकास से जुड़े प्रोजेक्ट पास करने में आसानी हो। हालांकि पर्यावरण के जानकार इन बदलावों पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पहले ही कह चुके हैं कि सरकार पर्यावरण का खयाल रखते हुए ही ये बदलाव करेगी।

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पिछले साल नई सरकार बनने के बाद केंद्र ने पूर्व ब्यूरोक्रेट टीएसआर सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी, जिसने अभी मौजूदा सभी बड़े कानूनों को ‘रिव्यू’ किया था। अब माना जा रहा है कि इस बैठक में सरकार पांच बड़े कानूनों को खत्म कर उनकी जगह एक नया वृहद कानून लाने के लिए परामर्श करेगी। जिन कानूनों और नीतियों पर चर्चा हो रही है उनमें 1927 का इंडियन फॉरेस्ट एक्ट, 1986 में बना इंवायरन्मेंट प्रोटैक्शन एक्ट, 1988 के वाइल्डलाइफ एक्ट और नेशनल फॉरेस्ट पॉलिसी के साथ 2002 की नेशनल वाइल्डलाइफ पॉलिसी भी शामिल है।

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सरकार ‘विकास की रफ्तार’ को तेज़ करने के लिए प्रोजेक्ट को पास करने की समय सीमा को छोटा करने के लिए नियम बनाएगी। परियोजनाओं को पास करते वक्त राज्यों के जल और वायु प्रदूषण से जुड़े कानूनों की ‘अड़चनों’ को भी दूर करने का रास्ता बनाया जा रहा है। सरकार पहले ही आदिवासी इलाकों में जन सुनवाई के नियम ‘आसान’ कर चुकी है। सरकार ने जंगल की नई कानूनी परिभाषा भी तय की है, जिससे मौजूदा वन का वह हिस्सा तकनीकी रूप से फॉरेस्ट लैंड नहीं होगी जो वन विभाग के रिकॉर्ड में नहीं है।