विज्ञापन
This Article is From Apr 23, 2018

CJI दीपक मिश्रा को आरोपों पर फैसला आने तक खुद न्यायिक कामों से अलग हो जाना चाहिए : कांग्रेस

कांग्रेस ने रविवार को भाजपा पर सीजेआई का बचाव करने का आरोप लगाया. कहा कि प्रधान न्यायाधीश को उनके ऊपर लगे कदाचार के आरोप पर फैसला आने तक खुद न्यायिक व प्रशासनिक कार्य से अलग हो जाना चाहिए.

CJI दीपक मिश्रा को आरोपों पर फैसला आने तक खुद न्यायिक कामों से अलग हो जाना चाहिए : कांग्रेस
रणदीप सुरजेवाला
नई दिल्ली: CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का नोटिस सौंपने के बाद अब कांग्रेस ने उनसे न्यायिक कार्य से अलग रहने की मांग की है. कांग्रेस ने रविवार को भाजपा पर सीजेआई का बचाव करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधान न्यायाधीश को उनके ऊपर लगे कदाचार के आरोप पर फैसला आने तक खुद न्यायिक व प्रशासनिक कार्य से अलग हो जाना चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेसवार्ता में कहा कि अगर सीजेआई के खुद का व्यवहार विवादों के घेरे में है तो उनको स्वयं न्यायिक व प्रशासनिक कार्य से अलग हो जाना चाहिए और जांच के लिए प्रस्तुत हो जाना चाहिए. ताकि शीर्ष पद और उनकी व्यक्तिगत निष्ठा स्पष्ट हो और समुचित तरीके से कानून की प्रक्रिया का अनुपालन हो सके. 


रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देश की न्यायालिका के शीर्ष पद पर आसीन जिस अधिकारी से लोग इंसाफ की अपेक्षा करते हैं वह संदेह से परे हो. इसलिए हमने इसका फैसला उनके विवेक पर छोड़ दिया है. इससे कानून की प्रक्रिया का समुचित तरीके से अनुपालन सुनिश्चित होगा. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता पक्ष CJI की स्थिति व पद के साथ समझौता कर रहा है.

यह भी पढ़ें : CJI के खिलाफ महाभियोग : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू बीच में ही यात्रा खत्म कर दिल्ली लौटे, कानूनविदों से विचार-विमर्श

सत्ताधारी पार्टी भारतीय न्यायिक प्रणाली की स्वतंत्रता को भारी नुकसान पहुंचा रही है. गौरतलब है कि सुरजेवाला का यह बयान सीजेआई द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के प्रशासनिक व न्यायिक कार्य से खुद को अलग नहीं करने के संबंध में मीडिया में आई खबरों के बाद आया है. दूसरी तरफ, कांग्रेस के विधिक विभाग के अध्यक्ष विवेक तन्खा ने कहा कि भारत के प्रधान न्यायाधीश को स्वेच्छा से किसी भी जांच के लिए प्रस्तुत होना चाहिए. उनको दोबारा जनता का विश्वास प्राप्त करना चाहिए. तब तक उनको सोचना चाहिए कि क्या उनको न्यायाधीश के तौर पर कार्य करना चाहिए या नहीं.


कांग्रेस के एक अन्य नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता के. टी. एस. तुलसी ने कहा कि सीजेआई के खिलाफ आरोप इतने गंभीर हैं कि जांच का आदेश शीघ्र देना चाहिए. जांच से भारत के प्रधान न्यायाधीश पद की गरिमा की रक्षा हो पाएगी. अगर जांच नहीं होगी तो इससे सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा को गंभीर क्षति पहुंचेगी. गौरतलब है कि कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष में शामिल सात दलों के 64 राज्यसभा सदस्यों ने प्रधान न्यायाधीश को कदाचार के पांच आरोपों के अधार पर हटाने के लिए उनपर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव सौंपा है. 

यह भी पढ़ें : CJI के खिलाफ 'दुर्व्यवहार' के वो 5 मामले, जिनके आधार पर कांग्रेस ने महाभियोग प्रस्ताव पेश किया




(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com