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This Article is From Jun 11, 2018

केंद्र ने ‘ब्लड बैंक’ का नाम ‘ब्लड सेंटर’ करने का प्रस्ताव किया

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित नियमों के मुताबिक शिशु को जन्म देने के बाद एक साल तक, गर्भपात के बाद छह महीने तक, स्तनपान कराने और मासिक चक्र के दौरान महिलाएं रक्तदान नहीं कर सकती हैं. 

केंद्र ने ‘ब्लड बैंक’ का नाम ‘ब्लड सेंटर’ करने का प्रस्ताव किया
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली: केंद्र ने ‘ ब्लड बैंक ’ का नाम बदल कर ‘ ब्लड सेंटर ’ करने का प्रस्ताव किया है. ड्रग्स टेकनिकल एडवाइजरी बोर्ड द्वारा हाल ही में मंजूरी दिए गए प्रस्तावित नियमों के मुताबिक ‘ ब्लड सेंटर ’ (रक्त केंद्र) किसी संगठन या संस्थान में अधिकृत परिसर होगा. केंद्र ने रक्त दान नियमों को कारगर करने के लिए 103 शर्त निर्धारित की है. रक्त दान करने वालों की न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकत उम्र 65 वर्ष हो. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित नियमों के मुताबिक शिशु को जन्म देने के बाद एक साल तक, गर्भपात के बाद छह महीने तक, स्तनपान कराने और मासिक चक्र के दौरान महिलाएं रक्तदान नहीं कर सकती हैं. 

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मसौदा नियम कैदियों के रक्त दान करने पर रोक लगाता है. यह उन लोगों के भी रक्तदान पर रोक लगाता है, जो ऐसे इलाकों के निवासी हैं या जिन्होंने उन इलाकों की यात्रा की है जहां रक्त चढ़ाने से होने वाले रोगों का संक्रमण होने के जोखिम हैं. नियमों के तहत मामूली सर्जरी के बाद छह महीने तक और बड़ी सर्जरी के बाद साल भर तक रक्त दान को टालने की सिफारिश की गई है. साथ ही, मलेरिया से उबरने के बाद तीन महीने तक कोई व्यक्ति रक्त दान नहीं कर सकता. 

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डेंगू और चिकुनगुनिया से उबरने के बाद छह महीने तक और जीका विषाणु के संक्रमण से उबरने के चार महीने बाद तक कोई व्यक्ति रक्त दान नहीं कर सकता.

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