
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत की फाइल फोटो
देहरादून:
उत्तराखंड कैबिनेट ने फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को दी जा रही न्यूनतम मुआवजा राशि बढ़ाकर 1500 कर दी है। इसके अलावा अगले साल हरिद्वार में आयोजित होने वाले अर्धकुंभ में स्थायी प्रवृत्ति के कार्यों के लिए 98 करोड़ रुपये मंजूर करने और गंगा नदी में गिर रहे नालों को डायवर्ट कर उनका ट्रीटमेंट करने जैसे महत्वपूर्ण फैसलों पर भी मुहर लगा दी है।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, हरिद्वार में हर की पौड़ी पर शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसले लिए गए।
राज्य कैबिनेट ने बैमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार से किसानों को अब तक दी जा रही मुआवजे की न्यूनतम राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करने का फैसला लिया।
जिन किसानों को 1000 रुपये की मुआवजा राशि वितरित हो चुकी है, उन्हें अब 500 रुपये और दिए जाएंगे। किसानों के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए 200 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूरी दे दी गई है। अब तक 16 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि किसानों में वितरित की जा चुकी है।
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में राज्य कैबिनेट ने अगले साल हरिद्वार में होने वाले अर्धकुंभ में स्थायी प्रवृत्ति के कामों के लिए 98 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि देने के प्रस्ताव को भी अपनी मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के साथ ही अर्धकुंभ के लिए राज्य सरकार की ओर से अब तक 250 करोड़ रुपये मंजूर किए जा चुके हैं।
अर्धकुंभ के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) सिंचाई आदि विभागों द्वारा किए गए कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सहमति बनी कि अन्य कार्यों के लिए भी तैयार प्रस्तावों को इसी महीने होने वाली कैबिनेट की अगली बैठक में मंजूरी दे दी जाएगी।
बैठक में गंगा नदी में गिरने वाले नालों को डाइवर्ट कर उनका ट्रीटमेंट करने का भी फैसला लिया गया। यह कार्य ऋषिकेश में मुनी की रेती से हरिद्वार तक किया जाएगा। अर्धकुंभ से संबंधित कार्यों को पूरा करने के लिए 15 जनवरी, 2016 की समयसीमा निर्धारित की गई है।
राज्य मंत्रिमंडल ने आपदा प्रभावितों को राहत देते हुए उन्हें कहीं भी भूमि खरीदने या दान में मिली भूमि की रजिस्ट्री के लिए स्टांप शुल्क में शत प्रतिशत छूट देने का भी निर्णय किया गया है।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, हरिद्वार में हर की पौड़ी पर शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसले लिए गए।
राज्य कैबिनेट ने बैमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार से किसानों को अब तक दी जा रही मुआवजे की न्यूनतम राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करने का फैसला लिया।
जिन किसानों को 1000 रुपये की मुआवजा राशि वितरित हो चुकी है, उन्हें अब 500 रुपये और दिए जाएंगे। किसानों के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए 200 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूरी दे दी गई है। अब तक 16 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि किसानों में वितरित की जा चुकी है।
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में राज्य कैबिनेट ने अगले साल हरिद्वार में होने वाले अर्धकुंभ में स्थायी प्रवृत्ति के कामों के लिए 98 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि देने के प्रस्ताव को भी अपनी मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के साथ ही अर्धकुंभ के लिए राज्य सरकार की ओर से अब तक 250 करोड़ रुपये मंजूर किए जा चुके हैं।
अर्धकुंभ के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) सिंचाई आदि विभागों द्वारा किए गए कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सहमति बनी कि अन्य कार्यों के लिए भी तैयार प्रस्तावों को इसी महीने होने वाली कैबिनेट की अगली बैठक में मंजूरी दे दी जाएगी।
बैठक में गंगा नदी में गिरने वाले नालों को डाइवर्ट कर उनका ट्रीटमेंट करने का भी फैसला लिया गया। यह कार्य ऋषिकेश में मुनी की रेती से हरिद्वार तक किया जाएगा। अर्धकुंभ से संबंधित कार्यों को पूरा करने के लिए 15 जनवरी, 2016 की समयसीमा निर्धारित की गई है।
राज्य मंत्रिमंडल ने आपदा प्रभावितों को राहत देते हुए उन्हें कहीं भी भूमि खरीदने या दान में मिली भूमि की रजिस्ट्री के लिए स्टांप शुल्क में शत प्रतिशत छूट देने का भी निर्णय किया गया है।
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