
प्रतीकात्मक तस्वीर
चंबालियाल (अंतरराष्ट्रीय सीमा):
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और पाकिस्तान रेंजर्स अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ऐतिहासिक चंबालियान मेले के लिए मिले और एक-दूसरे को मिठाइयां और बधाई दीं।
पाकिस्तानी रेंजर्स, पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल जीरो लाइन पर अपने भारतीय समकक्षों से मिला और एक दूसरे को बधाई दीं और ऐसा ही व्यवहार जारी रखने की प्रतिबद्धता भी जताई।
इस मौके पर पाकिस्तान रेंजर्स के सेक्टर कमांडर ब्रिगेडियर वसीम जफर भट्टी ने कहा, 'यहां मौजूद रहना सम्मान की बात है। हम पहले भी मिलते रहे हैं, लेकिन आज की मुलाकात एक अलग माहौल में हो रही है और भारतीय पक्ष ने हमारा जो गर्मजोशी से स्वागत किया है, उसके लिए हम उनके शुक्रगुजार हैं।' उन्होंने कहा, 'अनुभव साझा करने से बदलाव आता है, अच्छे के लिए बदलाव।'
जम्मू डिविजन के सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास हजारों लोगों ने वार्षिक मेले को पारंपरिक उल्लास से मनाया। पाकिस्तानी पक्ष दरगाह के लिए एक चादर लाया था, जिसे बीएसएफ को सौंप दिया गया। भारतीय अधिकारियों ने दरगाह से 'शक्कर' (पवित्र मिट्टी) और शरबत पाकिस्तानी पक्ष को दिया ताकि वे अपनी ओर के श्रद्धालुओं को दे सकें।
बाबा चंबालियान के नाम से जाने जाने वाले दिलीप सिंह मन्हास के 324 साल पूरे होने पर आयोजित मेले के आखिरी दिन गुरुवार को हजारों लोग दरगाह पर आए। भारतीय सीमा में स्थित चंबालियान गांव में मेला तीन दिन चलता है और यह मेला पाकिस्तानी सीमा में स्थित सियालकोट जिले के सैदा वाला गांव में भी एक हफ्ते तक चलता है।
पाकिस्तानी रेंजर्स, पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल जीरो लाइन पर अपने भारतीय समकक्षों से मिला और एक दूसरे को बधाई दीं और ऐसा ही व्यवहार जारी रखने की प्रतिबद्धता भी जताई।
इस मौके पर पाकिस्तान रेंजर्स के सेक्टर कमांडर ब्रिगेडियर वसीम जफर भट्टी ने कहा, 'यहां मौजूद रहना सम्मान की बात है। हम पहले भी मिलते रहे हैं, लेकिन आज की मुलाकात एक अलग माहौल में हो रही है और भारतीय पक्ष ने हमारा जो गर्मजोशी से स्वागत किया है, उसके लिए हम उनके शुक्रगुजार हैं।' उन्होंने कहा, 'अनुभव साझा करने से बदलाव आता है, अच्छे के लिए बदलाव।'
जम्मू डिविजन के सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास हजारों लोगों ने वार्षिक मेले को पारंपरिक उल्लास से मनाया। पाकिस्तानी पक्ष दरगाह के लिए एक चादर लाया था, जिसे बीएसएफ को सौंप दिया गया। भारतीय अधिकारियों ने दरगाह से 'शक्कर' (पवित्र मिट्टी) और शरबत पाकिस्तानी पक्ष को दिया ताकि वे अपनी ओर के श्रद्धालुओं को दे सकें।
बाबा चंबालियान के नाम से जाने जाने वाले दिलीप सिंह मन्हास के 324 साल पूरे होने पर आयोजित मेले के आखिरी दिन गुरुवार को हजारों लोग दरगाह पर आए। भारतीय सीमा में स्थित चंबालियान गांव में मेला तीन दिन चलता है और यह मेला पाकिस्तानी सीमा में स्थित सियालकोट जिले के सैदा वाला गांव में भी एक हफ्ते तक चलता है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
बीएसएफ, पाकिस्तान रेंजर्स, बाबा चंबालियान, बाबा चंबालियान मेला, दिलीप सिंह मन्हास, चंबालियान गांव, BSF, Pakistan Rangers, Dilip Singh Manhas, Baba Chambaliyal Fair, Chambaliyal Fair