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कैप्टन सुमित की आखिरी उड़ान… आज परिजनों को सौंपा जाएगा उनका पार्थिव शरीर

डीजीसीए और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक टीम हादसे की जांच कर रही है. प्रारंभिक रिपोर्टों में डबल इंजन फेल्योर की संभावना जताई गई है.

कैप्टन सुमित की आखिरी उड़ान… आज परिजनों को सौंपा जाएगा उनका पार्थिव शरीर
नई दिल्ली:

अहमदाबाद में हुए दिल दहला देने वाले एयर इंडिया विमान हादसे के बाद, आज कैप्टन सुमित सभरवाल का शव उनके परिवार को सौंपा जाएगा. कैप्टन सभरवाल का उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में निधन हो गया था. वो बेहद अनुभवी पायलट माने जाते थे. उनके पास  8,200 घंटों के उड़ान का अनुभव था. इस हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से 241 की जान चली गई थी, जिसमें सभरवाल भी शामिल थे.

सुमित को लेकर हर आंखे नम

अहमदाबाद विमान हादसे ने न सिर्फ 241 परिवारों के जीवन को झकझोर कर रख दिया, बल्कि एक बेटे के उस अधूरे सपने को भी तोड़ दिया, जो अपने बूढ़े पिता की सेवा में समर्पित होना चाहता था.  एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए सुमित सभरवाल के दोस्त और पूर्व लेफिनेंट माल सिंह ने कहा कि सुमित बहुत ही सरल स्वभाव के थे.  हमारी सोसायटी के सबसे सज्जन व्यक्ति वो माने जाते थे. सुमित कई बार कहते थे की अब रियाटमेंट लेकर पिता का ख्याल रखना है.  

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"मेडे, मेडे, मेडे... नो पावर, नो थ्रस्ट, गोइंग डाउन"

12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाला बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद एक आवासीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान ने रनवे 23 से दोपहर 1:39 बजे उड़ान भरी थी और तुरंत बाद पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को "मेडे, मेडे, मेडे... नो पावर, नो थ्रस्ट, गोइंग डाउन" का अंतिम संदेश भेजा. इसके बाद विमान का संपर्क टूट गया और यह एक इमारत से टकराकर आग का गोला बन गया.

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उनकी प्रतिभा पर कोई संदेह नहीं था: पूर्व कैप्टन मनमथ राउत्रे

कैप्टन सभरवाल के साथ प्रशिक्षण लेने वाले पूर्व कैप्टन मनमथ राउत्रे ने कहा, "मैंने उनके साथ पांच साल तक काम किया. उनकी प्रतिभा पर कोई संदेह नहीं था. वह एक शांत और पेशेवर पायलट थे." सभरवाल, जो मुंबई के पवई में अपने 90 वर्षीय पिता पुष्कराज के साथ रहते थे, ने हादसे से कुछ दिन पहले अपने पिता से वादा किया था कि वह उड़ान छोड़कर उनकी देखभाल के लिए घर लौटेंगे. यह वादा अब अधूरा रह गया.

पिता डीजीसीए के पूर्व अधिकारी रह चुके हैं

सभरवाल के परिवार से जुड़े विमानन जगत के गहरे रिश्ते थे. उनके पिता डीजीसीए के पूर्व अधिकारी थे, और उनके दो भतीजे भी कमर्शियल पायलट हैं. उनके पड़ोसी और मित्र विंग कमांडर (रिटायर्ड) संजीव पाई ने कहा, "सुमित एक समर्पित और शांत स्वभाव के व्यक्ति थे. उनकी मृत्यु से हर कोई सदमें  में है."

डीजीसीए और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक टीम हादसे की जांच कर रही है. प्रारंभिक रिपोर्टों में डबल इंजन फेल्योर की संभावना जताई गई है. 

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