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NDTV से बोले राम माधव: वाम से विचारधारा का अंतर, मगर माणिक सरकार के साथ काम कर सकते हैं

राम माधव ने कहा कि त्रिपुरा की जीत ने एक बार फिर से पूरे देश के में बीजेपी के कैडर में जोश भर दिया.

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एनडीटीवी से बात करते राम माधव
नई दिल्ली: त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी ने माणिक सरकार की सत्ता को उखाड़ फेंक सरकार बना ली. इस जीत के बाद बीजेपी के सीनियर नेता राम माधव ने कहा कि त्रिपुरा की जीत ने एक बार फिर से पूरे देश के बीजेपी के कैडर में जोश भर दिया और यह जीत पार्टी को इस साल होने वाले बचे हुए चुनाव में एक मददगार साबित होगी. बता दें कि त्रिपुरा में बीजेपी ने भारी जीत दर्ज की है. बीजेपी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर त्रिपुरा की 60 सीटों में से 43 सीटें अपने नाम कर ली. भाजपा के लिए पूर्वोत्तर मिशन में त्रिपुरा मुकुट के समान है. 

राम माधव ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि त्रिपुरा की इस जीत के साथ हम लोग पूर्वोत्तर मिशन की दिशा में कई कदम आगे बढ़े हैं. राम माधव ने यह बात त्रिपुरा के नये सीएम बिप्लव देब के शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद कही, जिसमें पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह आदि शामिल थे. इस शपथ ग्रहण में पूर्व मुख्यमंत्री और लेफ्ट नेता माणिक सरकार भी शामिल हुए, जो पिछले 20 साल से चीफ मिनिस्टर थे. बुधवार को राम माधव और बिप्लब देब माणिक सरकार के यहां शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए न्योता देने गये थे. 

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राम माधव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का लेफ्ट के साथ विचारधारा का अंतर है. मगर विकास की खातिर पार्टी माणिक सरकार जैसे अनुभवी लोगों के साथ काम कर सकती है. उन्होंने लेफ्ट के उस प्रोपागेंडा यानी आरोपों को भी खारिज कर दिया, जिसमें यह कहा जा रहा था कि त्रिपुरा में पार्टी की जीत के बाद हुए मूर्तियों के तोड़े जाने की घटना, हिंसा, सीपीएम कार्यालयम पर हमला और लेनिन की मूर्तियों को तोड़े जाने में बीजेपी समर्थकों का हाथ है.

बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियां अब नॉर्थ इस्ट के सात में से 6 राज्यों में सत्ता में है. सातवें राज्य मिजोरम में अगले साल चुनाव होंगे. संघ के प्रचारक और नॉर्थ इस्ट में बीजेपी के प्रभारी राम माधव ने कहा कि हम मिजोरम में अपना बेस्ट देने की कोशिश करेंगे. एक बार हम मिजोरम जीत जाएंगे तो पूरे नॉर्थ इस्ट में हमारी सरकार हो जाएगी. बता दें कि 2014 के बाद बीजेपी ने पहली बार असम में विधानसभा चुनाव जीता था और इसी तरह अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाई.

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त्रिपुरा के साथ मेघायल और नागालैंड में भी विधानसभा चुनाव हुए. मगर वहां भी बीजेपी किसी तरह सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाने में मयाब हो गई. मेघालय में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी, बावजूद इसके बीजेपी सहयोगी जुटाने में कामयाब हो गई और मेघालय में भी सरकार बनाने में कामयाब रही. 

राम माधव ने कहा कि नागालैंड में पार्टी ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा और 12 सीटें जीतने में कामयाब रही. इस परिणाम से पार्टी काफी खुश है. हमारे पास पहली वहां उपमु्ख्यमंत्री है. उन्होंने कहा कि नागालैंड में नई गठबंधन वाली सरकार में भाजपा एक प्रमुख स्टेक होल्डर है, जिसका अर्थ है नागा समझौते के लिए सुरक्षित लैंडिंग.

राम माधव ने यह भी कहा कि, क्रिश्चन बहुमत वाले नागालैंड में जीत क्षेत्र से परे हमारी स्वीकृति साबित करती है.  उन्होंने स्वीकार किया कि बीजेपी मेघालय में काफी अच्छा करने की उम्मीद कर रही थी, मगर ऐसा नहीं हुआ. बता दें कि बीजेपी को मेघालय में महज 2 सीटें मिली थीं. जबकि पिछली बार यह आंकड़ा जीरो था. बीजेपी त्रिपुरा में शून्य थी, मगर इस बार 35 सीटें जीत गई, वहीं नागालैंड में एक थी, यह आंकड़ा 12 पर पहुंच गया.

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