केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह
नई दिल्ली:
जाट आरक्षण के पक्ष में होने का दावा करते हुए बीजेपी ने अपने जाट नेताओं से समुदाय से बातचीत करने के लिए कहा है तथा आंदोलन कर कर रहे जाटों के प्रतिनिधियों को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह एवं केंद्रीय मंत्रियों के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। हरियाणा में जाटों के आंदोलन के शांत पड़ने के कोई संकेत नहीं होने के बीच व्यापक हिंसा देखने को मिली है।
इस व्यापक विरोध प्रदर्शन के परिणामों को लेकर पार्टी चिंतित है, क्योंकि यह समुदाय पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के कुछ हिस्सों में अपना प्रभाव रखता है। अमित शाह एवं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पार्टी के जाट चेहरों से अलग-अलग बातचीत की तथा शांति कायम करने के संभावित उपायों पर विचार-विमर्श किया।
केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा, एक तरह से अराजकता का माहौल है (हरियाणा में)। मैं आंदोलन का नेतृत्व करने वालों से हमारे नेतृत्व के साथ बातचीत करने की अपील करता हूं...अग्रिम मोर्चा थामे युवाओं को भी बातचीत में शामिल होना चाहिए। मैं हरियाणा के लोगों से शांति एवं भाईचारा बनाये रखने की अपील और प्रार्थना करता हूं।
हरियाणा में पाटी के सबसे महत्वपूर्ण जाट नेता बीरेंद्र सिंह के साथ साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश में पार्टी के चेहरा बने संजीव बालियान, हरियाणा के कैबिनेट मंत्री ओपी धनकड़ तथा पार्टी महासचिव एवं राज्य प्रभारी अनिल जैन भी सामने आए हैं।
केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने संकट के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उसने जरूरी तैयारियां किए बिना जाटों के लिए राजनीतिक कारणों से आरक्षण घोषित कर दिया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय को खारिज कर दिया। इन नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार एवं पार्टी उन तरीकों पर गौर कर रही है कि जिनसे जाटों को आरक्षण मिल जाए।
इस संकट का जल्द समाधान और आबादी के लिहाज से महत्वपूर्ण इस समुदाय को राजी करवाने की आवश्यकता को पार्टी में शिद्दत से महसूस किया जा रहा है, क्योंकि इसके प्रभाव अगले साल के शुरू में होने वाले यूपी विधानसभा चुनावों में देखने को मिल सकते हैं। मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जाटों ने राज्य में बीजेपी का समर्थन किया था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
इस व्यापक विरोध प्रदर्शन के परिणामों को लेकर पार्टी चिंतित है, क्योंकि यह समुदाय पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के कुछ हिस्सों में अपना प्रभाव रखता है। अमित शाह एवं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पार्टी के जाट चेहरों से अलग-अलग बातचीत की तथा शांति कायम करने के संभावित उपायों पर विचार-विमर्श किया।
केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा, एक तरह से अराजकता का माहौल है (हरियाणा में)। मैं आंदोलन का नेतृत्व करने वालों से हमारे नेतृत्व के साथ बातचीत करने की अपील करता हूं...अग्रिम मोर्चा थामे युवाओं को भी बातचीत में शामिल होना चाहिए। मैं हरियाणा के लोगों से शांति एवं भाईचारा बनाये रखने की अपील और प्रार्थना करता हूं।
हरियाणा में पाटी के सबसे महत्वपूर्ण जाट नेता बीरेंद्र सिंह के साथ साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश में पार्टी के चेहरा बने संजीव बालियान, हरियाणा के कैबिनेट मंत्री ओपी धनकड़ तथा पार्टी महासचिव एवं राज्य प्रभारी अनिल जैन भी सामने आए हैं।
केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने संकट के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उसने जरूरी तैयारियां किए बिना जाटों के लिए राजनीतिक कारणों से आरक्षण घोषित कर दिया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय को खारिज कर दिया। इन नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार एवं पार्टी उन तरीकों पर गौर कर रही है कि जिनसे जाटों को आरक्षण मिल जाए।
इस संकट का जल्द समाधान और आबादी के लिहाज से महत्वपूर्ण इस समुदाय को राजी करवाने की आवश्यकता को पार्टी में शिद्दत से महसूस किया जा रहा है, क्योंकि इसके प्रभाव अगले साल के शुरू में होने वाले यूपी विधानसभा चुनावों में देखने को मिल सकते हैं। मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जाटों ने राज्य में बीजेपी का समर्थन किया था।
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