
- बिहार में आज SIR को लेकर विपक्ष द्वारा बंद का आयोजन किया गया है, जिसमें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव भी शामिल होंगे
- बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि बंद के पीछे तुष्टिकरण की राजनीति है और सड़क पर खड़े लोग इसका विरोध कर रहे हैं.
- किशनगंज जिले में आवासीय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन संख्या में अचानक वृद्धि हुई है, जो राष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय है.
बिहार में आज SIR को लेकर बंद का आयोजन किया गया है. इसका आयोजन विपक्ष द्वारा किया गया है. इतना ही नहीं राहुल गांधी भी इस बंध में शामिल होंगे. साथ ही तेजस्वी यादव भी बंद का नेतृत्व कर रहे हैं. इसी बीच एनडीटीवी से बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बिहार बंद को लेकर एक्सक्लूसिव बातचीत की है. उन्होंने बिहार बंद पर कहा, जिनका सर दर्द हो रहा है, वो स्वभाविक है कि रोड पर खड़े हैं. ये लोग तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं. वहीं बिहार में बीजेपी का सीएम होगा क्या यह सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, अभी हम नीतीश जी के नेतृत्व में काम कर रहे हैं, जब बीजेपी का नेतृत्व होगा, तब इस पर सोचेंगे.
सम्राट चौधरी ने कहा, "जनवरी से लेकर जून तक जब यह अभियान चुनाव आयुक्त ने नहीं चलाया था तो अकेले किशनगंज जिले में आवासीय प्रमाणपत्र लेने की हौड़ लग गई है. जहां पहले 20 हजार आवेदन आते थे तो अब वहां 2 लाख से ज्यादा आवेदन आए हैं. इसका मतलब है कि वहां कुछ गड़बड़ है और यह राष्ट्रीय स्तर का खतरा है".
उन्होंने कहा, "भारत के लोग, बिहार के लोग मतदाता बनें इसमें किसी को दिक्कत नहीं है और चुनाव आयोग ने भी यही है. निर्वाचन आयोग ने 11 तरह के पत्र मांगे गए हैं, जिनमें से 10 तुरंत नहीं बनाए जा सकते हैं और इस वजह से ये लॉन्ग प्रोसेस है. हालांकि, बिहार में आवासीय प्रमाण ईपिक नंबर के माध्यम से ही आवासिक पत्र बनाया जाता है और यह चिंता का विषय है. और अचानक किशनगंज में आवासीय प्रमाण के लिए इतने अधिक आवेदन आने लगे हैं तो ये चिंता का विषय ही है."
इसमें चिंता की बात ये है कि कहीं बांग्लादेशी तो नहीं हैं या फिर दूसरे देश से आए लोग तो नहीं है. वो बांग्लादेशी वोट पर ही निर्भर हैं. वो देश के लोगों के वोटों को देख ही नहीं रहे हैं.
मुसलमानों को निशाना बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा, "हम उन्हें निशाना नहीं बना रहे हैं. पूरे देश में मुसलमान समाज है और बिहार में रहने वाले मुसलमानों को कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन बिहार बांग्लादेश से सटा है और इस वजह से उनके आने की दिक्कत है. जो बिहार का रहने वाला है, वो 2003 का वोटर होगा और जो नहीं होगा उसको तो प्रमाण लाना ही होगा. वो यदि बंगाल में वोटर में था या फिर झारखंड में था, तो उसके पास भी कार्ड होगा तो वो मतदाता सूची में अपना नाम डलवा सकता है".
सम्राट चौधरी ने कहा, "आरजेडी ने बिहार लूटा कांग्रेस ने देश लूटा. इन्हें निर्वाचन आयोग पर भरोसा करना चाहिए. दस को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है और उसका इंतजार करना चाहिए. उन्हें इस बारे में निर्वाचन आयोग से बात करनी चाहिए. सड़क पर उतरकर वो क्या कर रहे हैं. इससे आम जनता को क्यों कष्ट दे रहे हैं".
उन्होंने कहा, "नीतीश जी बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं. बिहार पलायन वाला राज्य नहीं है. सीएम नीतीश ने यहां विकास किया है और रोजगार दिया है. बीजेपी और एनडीए ने जातीय सर्वेक्षण किया.बीजेपी ने 16 मंत्रियों और 80 विधायकों के साथ समर्थन किया. मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का फ़ैसला किया."
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