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भारत के पास दुनिया की सबसे घातक तोप, 48 KM दूर बैठे दुश्मन को पलभर कर देगी नेस्तानाबूद

DRDO ने जो तोप बनाई है, उसकी खासियत ये है कि दुनिया में किसी भी तोप में इतनी ताकत नहीं है कि वह 48 किलोमीटर दूर बैठे अपने दुश्मन को तबाह कर दें.

भारत के पास दुनिया की सबसे घातक तोप, 48 KM दूर बैठे दुश्मन को पलभर कर देगी नेस्तानाबूद
  • DRDO की ARDE द्वारा विकसित अत्याधुनिक एटीएजीएस तोप की मारक क्षमता 48 किलोमीटर तक है और यह युद्ध के मैदान में कमाल का हथियार है.
  • यह 155 मिलीमीटर और 52 कैलिबर की तोप है, जो 60 मिनट में 60 गोले दाग सकती है, और इसके 85 प्रतिशत उपकरण देश में बनते हैं.
  • रूस-यूक्रेन युद्ध के अनुभव के बाद भारतीय सेना ने ARDE के इंडस्ट्री पार्टनर भारत फोर्ज और टाटा एडवांस सिस्टम को 307 एटीएजीएस तोपों का ऑर्डर दिया है.
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नई दिल्ली:

भारत ने एक कमाल की तोप बनाई है, जो अब युद्ध के मैदान में दुश्मनी खेमों को पलभर में नेस्तानाबूद कर देती है. दूर से देखने पर यह किसी आम तोप जैसी लग सकती है, लेकिन जैसे ही आप पास आएंगे, तब आपको एहसास होगा कि यह कोई साधारण हथियार नहीं, बल्कि DRDO की आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE) द्वारा विकसित की गई अत्याधुनिक एटीएजीएस (Advanced Towed Artillery Gun System) है. जिसकी मारक क्षमता बेमिसाल है. इसके जरिए 48 किलोमीटर तक दुश्मन का सफाया किया जा सकता है.

क्यों कमाल है ये नई तोप

दुनिया में किसी भी तोप में इतनी ताकत नहीं है कि वह 48 किलोमीटर दूर बैठे अपने दुश्मन को तबाह कर दें. 155 मिलीमीटर और 52 कैलिबर गन का निशाना भी अचकू है. इसके जरिए 60 मिनट में 60 गोले दागे जा सकते हैं. इस तोप में 85 फीसदी साजोसामान देश मे ही बने हुए है. बाकी जो 15 फीसदी बाहर से मंगाये गये है जल्द ही वह भी अब देश मे बनने लगेंगे. इस शानदार तोप को एआरएंडडीई ने महज 10 साल में तैयार कर दिया है.

इसमें तोप के कॉन्सेप्ट से लेकर ट्रायल तक का समय शामिल हैं. रूस यूक्रेन युद्ध ने दिखा दिया कि ऐसी गन दुश्मन के इलाके में कितनी तबाही मचा सकती है, तभी तो सेना ने डीआरडीओ के इंडस्ट्री पार्टनर भारत फोर्ज और टाटा एडवांस सिस्टम को 307 एटैग्स का आर्डर दिया है. इसमें से 60 फीसदी गन भारत फोर्ज और 40 फीसदी गन टाटा एडवांस सिस्टम बनाएगी. अगले दो साल के भीतर सेना में 18 एटैग्स की पहली रेजीमेंट भी तैयार हो जाएगी.

दुनिया ने देखा भारत की तोप का दम

पांच साल के भीतर सेना को 307 एटैग्स मिल जायेंगे. इसके बाद तो सेना की आर्टिलरी पावर के आगे कोई भी खड़ा होने से दस बार पहले सोचेगा. इस तोप का डंका केवल देश में नही बज रहा है बल्कि देश से बाहर भी इसकी धूम है, तभी तो आर्मेनिया ने भारत से पहले ऐसे 12 तोप खरीदी है. आर्मेनिया ने जब इन तोपों से दुश्मन में खलबली मचा दी तो अब वह भारत से और 85 अटैग्स तोप खरीदना चाह रहा हैं.

महज इतने कम वक्त में बरसाने लगती है गोला

अगर इस तोप की खूबियों की बात करें तो इसकी कैलिबर की लंबाई 155 मिलीमीटर है. बैरल की लंबाई है 52 कैलिबर ( 8060 मिलीमीटर ) है औक इसका वजन है 19.5 टन. इसमें ऑन बोर्ड बैलेस्टिक कंप्यूटर भी है. इसमें डे नाइट और एलआरएफ युक्त कैमरा भी लगे है. ये ताकतवर 110 किलोवाट एपीयू इंजन से लैस है. केवल दो मिनट और 30 सेकंड में दुश्मन पर इससे वार करना शुरू किया जा सकता है. इसमें सात क्रू मेंबर होते हैं. कमांड देने के बाद फायरिंग ऑटोमैटिक होता है.

अब तोप के एडवांस्ड वर्जन की तैयारी

इसकी कीमत एक तोप की लगभग 20 करोड़ है. डीआरडीओ की कोशिश इस तोप को और घातक व असरदार बनाने की है. तोप का वजन घटाकर 19 टन से 15 टन लाने की है, वहीं बैरल से फायर किया जाने वाला गोला की सटीकता को बढ़ाने पर काम हो रहा है. शेल में गाइडेड सिस्टम लाया जा रहा है ताकि निशाना एक दम सटीक से बैठे. वही शेल में रैमजेट इंजन भी लगाया जाएगा जिससे इसकी रेंज बढ़ जाएगी यानि अगले कुछ सालों में अटैग्स से जो गोले फायर होंगे वह 80 से 90 किलोमीटर दूर जाकर गिरेंगे.

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