प्रतीकात्मक तस्वीर
कोलकाता:
शुक्रवार को कोलकाता एयरपोर्ट पर रेडियो कम्यूनिकेशन में हुई गड़बड़ी की वजह से तीन फ्लाइट्स एक बड़े खतरे से बाल बाल बच गईं। कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और तीन पायलट के बीच 11 मिनट के लिए संपर्क टूट गया था।
एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि आपसी बातचीत के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हाई फ्रीक्वेंसी कम्यूनिकेशन चैनल ने सुबह 9 बजकर 17 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 28 मिनट तक काम करना बंद कर दिया।
एक तरफ एयरपोर्ट से दिल्ली-कोलकाता गोएयर फ्लाइट ने टेक ऑफ किया और 6000 फुट की ऊंचाई पर पहुंच गई, वहीं पोर्ट ब्लेयर और दिल्ली से आने वाली जेट एयरवेज़ की दो फ्लाइट उतरने के लिए तैयार थीं।
दिल्ली की फ्लाइट जहां 8000 फुट पर थी और पोर्ट ब्लेयर कोलकाता से 7000 फुट की ऊंचाई पर थी। यह सभी प्लेन एयर ट्रैफिक कंट्रोल के रडार पर तो नज़र आ रहे थे लेकिन संपर्क टूट जाने की वजह से ऊंचाई में होने वाले बदलाव के बारे में किसी भी पायलट को सूचित करना मुमकिन नहीं हो पा रहा था।
चार मिनट बाद एटीसी ने एमरजेंसी फ्रीक्वेंसी के ज़रिए तीनों फ्लाइट से दोबारा संपर्क स्थापित किया जिसके बाद पायलटों को अपनी संबंधित ऊंचाई पर रहने के लिए कहा गया।
अधिकारियों के मुताबिक 11 मिनट बाद सिस्टम रिस्टोर हो पाया लेकिन इससे पहले संपर्क में पैदा हुई समस्या की वजह से कई फ्लाइट्स को प्रस्थान करने में देरी हो गई।
एयरपोर्ट के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक सुधासत्व बाधुरी ने कहा कि एटीसी टॉवरों में सुधार की वजह से कुछ देर के लिए कम्यूनिकेशन चैनलों में रुकावट पैदा हो गई थी।
एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि आपसी बातचीत के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हाई फ्रीक्वेंसी कम्यूनिकेशन चैनल ने सुबह 9 बजकर 17 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 28 मिनट तक काम करना बंद कर दिया।
एक तरफ एयरपोर्ट से दिल्ली-कोलकाता गोएयर फ्लाइट ने टेक ऑफ किया और 6000 फुट की ऊंचाई पर पहुंच गई, वहीं पोर्ट ब्लेयर और दिल्ली से आने वाली जेट एयरवेज़ की दो फ्लाइट उतरने के लिए तैयार थीं।
दिल्ली की फ्लाइट जहां 8000 फुट पर थी और पोर्ट ब्लेयर कोलकाता से 7000 फुट की ऊंचाई पर थी। यह सभी प्लेन एयर ट्रैफिक कंट्रोल के रडार पर तो नज़र आ रहे थे लेकिन संपर्क टूट जाने की वजह से ऊंचाई में होने वाले बदलाव के बारे में किसी भी पायलट को सूचित करना मुमकिन नहीं हो पा रहा था।
चार मिनट बाद एटीसी ने एमरजेंसी फ्रीक्वेंसी के ज़रिए तीनों फ्लाइट से दोबारा संपर्क स्थापित किया जिसके बाद पायलटों को अपनी संबंधित ऊंचाई पर रहने के लिए कहा गया।
अधिकारियों के मुताबिक 11 मिनट बाद सिस्टम रिस्टोर हो पाया लेकिन इससे पहले संपर्क में पैदा हुई समस्या की वजह से कई फ्लाइट्स को प्रस्थान करने में देरी हो गई।
एयरपोर्ट के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक सुधासत्व बाधुरी ने कहा कि एटीसी टॉवरों में सुधार की वजह से कुछ देर के लिए कम्यूनिकेशन चैनलों में रुकावट पैदा हो गई थी।
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