आईआईटी मद्रास (IIT Madras) में सोमवार को हुए 56वें दीक्षांत समारोह में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला. समारोह के दौरान ग्रेजुएट छात्रों ने गाउन पहनने की जगह भारतीय पोशाक पहनी. इंस्टीट्यूट ने ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और रिसर्च स्कॉलर्स को निर्देश दिए थे कि वह सफेद शर्ट या छोटे कुर्ते और इसी रंग की धोती, पैजामा या पेंट में आएं. छात्राओें को इसी रंग की सलवार कमीज या सारी पहनकर आने के लिए कहा गया था. छात्रों और छात्राओं से यह भी कहा गया था कि वह पारंपरिक शॉल भी पहनकर आएं. इसे अंगवस्थिरम भी कहते हैं. इंस्टीट्यूट ने इसे 350 रुपए में दिया था. एक छात्र ने यह जानकारी दी. दीक्षांत समारोह में पीएम मोदी भी मौजूद रहे.
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दीक्षांत समारोह में हुए इस बदलाव पर कई छात्र खुश दिखाई दिए. आंध्र प्रदेश से एमटेक ग्रेजुएट एक छात्र ने एनडीटीवी को बताया, 'मुझे भारतीय पोशाक बहुत पसंद है. मेरे लिए यह अनुभव नया था क्योंकि इससे पहले बीटेक के दीक्षांत समारोह में मैं पश्चिमी पोशाक पहन चुका था.' वहीं कई छात्रों से मिली जुली प्रतिक्रिया मिली.
केरल की एक महिला ने कहा, 'मैं वास्तव में ट्रेडीशनल रोब और कैप के साथ फोटो लेने के बारे में सोच रही थी लेकिन केंद्र सरकार एक विशेष विचारधारा को थोप रही है.'
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बता दें कि जून में यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज से निवेदन किया था कि दीक्षांत समारोह जैसे विशेष कार्यक्रम के लिए हैंडलूम फैब्रिक्स के प्रयोग पर विचार करें. आखिरी साल आईआईटी रुड़की, बॉम्बे और कानपुर में छात्रों से कहा गया था कि वह पश्चिमी पोशाक की जगह भारतीय पोशाक पहनें.
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