उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच, सात राज्यों में 13 सीट पर विधानसभा उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान हुआ. मतदान का समय सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक था. लोकसभा चुनाव के बाद, पहली बार हो रही चुनावी प्रक्रिया में कई दिग्गज अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर शामिल हैं. मौजूदा सदस्यों की मृत्यु हो जाने या उनके इस्तीफे के कारण रिक्तियों के चलते ये उपचुनाव हो रहे हैं.
उत्तरांखड और पश्चिम बंगाल छिटपुट हिंसा
उत्तरांखड और पश्चिम बंगाल को छोड़कर, बाकी राज्यों में मतदान शांतिपूर्ण रहा.उत्तराखंड की मंगलौर विधानसभा सीट के एक मतदान केंद्र पर प्रतिद्वंद्वी दलों के समर्थकों के बीच झड़प में चार लोग घायल हो गए. रुड़की सिविल लाइन कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि मंगलौर के लिब्बरहेड़ी में बूथ संख्या 53-54 पर दो पक्षों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की सूचना मिली थी. कुछ खबरों में दावा किया गया कि मतदान केंद्र पर गोलीबारी भी हुई. हालांकि, पुलिस ने इनका खंडन किया है.
सोशल मीडिया पर सामने आये वीडियो में कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन एक व्यक्ति को अस्पताल ले जाते देखे जा सकते हैं, जिसके कपड़े खून से सने हुए हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर नफरत के बीज बो कर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया. एक अन्य वीडियो में, काजी को अस्पताल में पार्टी के एक घायल कार्यकर्ता को गले लगाते देखा जा सकता है. सूत्रों ने बताया कि मतदान केंद्र पर हिंसा उस समय भड़की, जब कुछ लोग बूथ में घुस गए और लोगों को वोट डालने से रोकने लगे. बूथ में घुसे लोगों ने अपना आधा चेहरा कपड़ों से ढक रखा था.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता यशपाल आर्य और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद सहित कई कांग्रेस नेताओं ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि उत्तराखंड में ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई. शाम पांच बजे तक मंगलौर में 68.24 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जबकि बद्रीनाथ में 49.80 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला. मंगलौर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक सरवत करीम अंसारी का पिछले साल अक्टूबर में निधन हो जाने के कारण उपचुनाव जरूरी हो गया था. वहीं, बद्रीनाथ में कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के इस साल मार्च में इस्तीफा देने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हो गई थी.
पश्चिम बंगाल के बगदाह तथा रानाघाट दक्षिण में हिंसा की छिटपुट घटनाएं होने की सूचना है. भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर उसके बूथ एजेंट पर हमला करने तथा उसके उम्मीदवारों को कुछ मतदान केंद्रों पर जाने से रोकने का आरोप लगाया है. रानाघाट दक्षिण तथा बगदाह से भाजपा उम्मीदवार क्रमश: मनोज कुमार बिस्वास और बिनय कुमार बिस्वास ने दावा किया कि उन्हें कुछ बूथ पर नहीं जाने दिया गया.
मनोज कुमार बिस्वास ने दावा किया कि कुछ इलाकों में तृणमूल सदस्यों ने भाजपा के कार्यालयों में तोडफोड़ की. मानिकतला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार कल्याण चौबे जब एक मतदान केंद्र पर पहुंचे तो तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें देखकर ‘वापस जाओ' के नारे लगाये. बाद में सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया.
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को ‘‘निराधार'' बताते हुए खारिज कर दिया. भाजपा ने इन घटनाओं के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत भी दर्ज करायी है. निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि रायगंज में सबसे अधिक 67.12 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. इसके बाद रानाघाट दक्षिण में 65.37 प्रतिशत, बगदाह में 65.15 प्रतिशत और मानिकतला में 51.39 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. हिमाचल प्रदेश में नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 75.22 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि हमीरपुर में 65.78 प्रतिशत और देहरा में 63.89 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले.
ये सीटें तीन निर्दलीय विधायकों-होशियार सिंह (देहरा), आशीष शर्मा (हमीरपुर) और के एल ठाकुर (नालागढ़) के 22 मार्च को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुई थीं. इन विधायकों ने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में मतदान किया था. इसके बाद वे अगले दिन भाजपा में शामिल हो गए थे. पंजाब की जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए शाम पांच बजे तक 51.30 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.
कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को पौधे भी दिए गए. सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने मोहिंदर भगत को मैदान में उतारा है, जो पूर्व मंत्री और भाजपा के पूर्व विधायक भगत चुन्नी लाल के बेटे हैं. भगत पिछले वर्ष भाजपा का दामन छोड़ ‘आप' में शामिल हो गये थे. वहीं, कांग्रेस ने सुरिंदर कौर को टिकट दिया है, जो जालंधर की पूर्व उप-महापौर और पांच बार की नगर निगम पार्षद हैं. भाजपा ने शीतल अंगुरल को चुनाव मैदान में उतारा है.
बिहार की रूपौली विधानसभा सीट पर शाम पांच बजे तक लगभग 51.14 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. रूपौली विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहीं बीमा भारती कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल हो गई थीं. इस वजह से इस सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था. राजद के टिकट पर बीमा भारती ने लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन वह निर्दलीय प्रत्याशी राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव से हार गईं. अब रूपौली उपचुनाव में बीमा भारती राजद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं.
निर्वाचन आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, विक्रवांडी विधानसभा सीट पर मतदान संपन्न हो गया 82.48 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया. विक्रवांडी से द्रमुक विधायक ए पुघाझेंडी का गत छह अप्रैल को निधन होने के कारण यह सीट रिक्त हो गई थी. विक्रवांडी में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) प्रत्याशी अन्नियूर शिवा, पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) उम्मीदवार सी अंबुमणि और नाम तमिलर काची (एनटीके) प्रत्याशी के अबिनय के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. मध्यप्रदेश की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर शाम पांच बजे तक 78.71 मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया.
पूर्णिया में हम जीतेंगे : JDU उम्मीदवार कलाधर प्रसाद मंडल
पूर्णिया, बिहार: JDU उम्मीदवार कलाधर प्रसाद मंडल ने कहा, "क्षेत्र में जनसंपर्क के दौरान मैं लोगों के बीच था, लोगों का उत्साह देखकर लग रहा है कि हम यहां जीतेंगे... प्रतिनिधि चुनने का अधिकार जनता का है और जनता का भाव देखकर लग रहा है कि यहां हमारी जीत होगी... पप्पू यादव चाहे जिसके साथ जाएं, जनता हमारे साथ है. हमें हमारे मतदाता जिताएंगे, न कि पप्पू यादव या बीमा भारती..."
हिमाचल में बीजेपी उम्मीदवार क्या बोले
हिमाचल प्रदेश: देहरा सीट से भाजपा उम्मीदवार होशियार सिंह ने कहा, "मुझे लगता है कि यह हिमाचल के इतिहास में सबसे रोमांचक और कठिन चुनाव रहा है. जहां एक ओर पूरी सरकार, उनकी मशीनरी और मुख्यमंत्री खुद हैं और एक तरफ होशियार सिंह है, मुकाबला कड़ा है... फर्क यह है कि उनके साथ प्रशासन है और हमारे साथ जनता है... इन्होंने(राज्य सरकार) देहरा की जनता को डराने, धमकाने की कोशिश की लेकिन देहरा की जनता न डरती है, न झूकती है, जब नतीजे आएंगे तब उन्हें जवाब मिल जाएगा."
छिंदवाड़ा में पोलिंग बूथ पर कम भीड़
मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार समेत देश के सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग सुबह सात बजे से शुरू हो चुकी है. वोटिंग शाम छह बजे तक जारी रहेगी. नतीजे 13 जुलाई को घोषित किए जाएंगे. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा विधानसभा के उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी है. शुरुआती दौर में हल्की बारिश के चलते मतदान केंद्रों पर वोटरों की भीड़ कम दिखाई दे रही है. अमरवाड़ा विधानसभा के 2,56,959 मतदाता 332 मतदान केंद्रों पर वोट डालेंगे.
पश्चिम बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के बीच मुकाबला
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जहां लोकसभा चुनावों में अपने बेहतर प्रदर्शन का लाभ उठाने की कोशिश में है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय चुनावों में चार निर्वाचन क्षेत्रों में मिली महत्वपूर्ण बढ़त को बरकरार रखना चाहेगी. पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने मानिकतला सीट पर कब्जा जमाया था, जबकि भाजपा ने रायगंज, राणाघाट दक्षिण और बगदाह में जीत हासिल की थी.
हालांकि, भाजपा विधायक बाद में पार्टी छोड़कर टीएमसी में चले गए थे. फरवरी 2022 में टीएमसी विधायक साधन पांडे की मृत्यु के कारण मानिकतला विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. टीएमसी ने पांडे की पत्नी सुप्ती को इस सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. सत्तारूढ़ पार्टी ने रायगंज से कृष्णा कल्याणी और रानाघाट दक्षिण से मुकुट मणि अधिकारी को अपना प्रत्याशी बनाया है. भाजपा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे को मानिकतला, मनोज कुमार विश्वास को राणाघाट दक्षिण, बिनय कुमार विश्वास को बगदाह और मानस कुमार घोष को रायगंज से चुनाव मैदान में उतारा है.
हिमाचल में तीन सीटों पर किसके बीच मुकाबला
हिमाचल प्रदेश में देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भी वोट डाले जा रहे हैं. ये सीट तीन निर्दलीय विधायकों - होशियार सिंह (देहरा), आशीष शर्मा (हमीरपुर) और के एल ठाकुर (नालागढ़) के 22 मार्च को सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुई थीं. इन विधायकों ने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान किया था. इन तीनों सीट पर कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं, जहां 2,59,340 मतदाता हैं.
उत्तराखंड में कहां-कहां उपचुनाव
उत्तराखंड की मंगलौर सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. पिछले वर्ष अक्टूबर में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन के कारण उपचुनाव की जरूरत हुई है. मुस्लिम और दलित बहुल मंगलौर सीट पर भाजपा कभी जीत नहीं दर्ज कर पाई है. इस सीट पर पहले या तो कांग्रेस या फिर बसपा का कब्जा रहा है. इस बार बसपा ने अंसारी के बेटे उबेदुर रहमान को कांग्रेस उम्मीदवार काजी मोहम्मद निजामुद्दीन के खिलाफ मैदान में उतारा है. गुज्जर नेता और भाजपा उम्मीदवार करतार सिंह भड़ाना भी मैदान में हैं. वहीं, बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भी मतदान हो रहा है. इस वर्ष मार्च में कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हो गई थी. बद्रीनाथ में भाजपा के राजेंद्र भंडारी और कांग्रेस उम्मीदवार लखपत सिंह बुटोला के बीच सीधा मुकाबला है.
बिहार की रूपौली सीट पर पूरे देश की नजर
बिहार में पूर्णिया जिले के रूपौली सीट पर भी वोट डाले जा रहे हैं. इस सीट पर जनता दल यूनाइटेड विधायक बीमा भारती के इस्तीफे के कारण उपचुनाव हो रहा है. लोकसभा चुनाव से ही ठीक पहले बीमा भारती ने जदयू और विधायकी से इस्तीफा देकर राजद का दामन थाम लिया था. बाद में वो पूर्णिया लोकसभा सीट से राजद की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी थी. हालांकि इस सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा. बीमा भारती लोकसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रही थी.
पंजाब का उपचुनाव भगवंत मान के लिए अग्निपरीक्षा
पंजाब की जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर बुधवार को होने वाले उपचुनाव को सीएम भगवंत मान के लिए अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है, जिन्होंने लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) के खराब प्रदर्शन के बाद उपचुनाव में जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है. जालंधर पश्चिम एक आरक्षित विधानसभा क्षेत्र है. यहां ‘आप', कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उम्मीदवारों के बीच बहुकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं. जालंधर पश्चिम सीट शीतल अंगुरल के ‘आप' विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हो गई थी. यहां हो रहे उपचुनाव में कुल 15 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. वोटों की गिनती 13 जुलाई को की जाएगी.
पंजाब में सत्तारूढ़ ‘आप' ने मोहिंदर भगत को मैदान में उतारा है, जो पूर्व मंत्री और भाजपा के पूर्व विधायक भगत चुन्नी लाल के बेटे हैं. भगत पिछले साल भाजपा छोड़ ‘आप' में शामिल हो गए थे. भगत ने 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर जालंधर पश्चिम सीट से किस्मत आजमाई थी. हालांकि, उन्हें दोनों ही बार हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, कांग्रेस ने सुरिंदर कौर पर दांव लगाया है, जो जालंधर की पूर्व वरिष्ठ उप-महापौर और पांच बार की नगर निगम पार्षद हैं. वह रविदासिया समुदाय से जुड़ी एक प्रमुख दलित नेता हैं.
दूसरी ओर, भाजपा ने शीतल अंगुरल को मैदान में उतारा है, जो मार्च में ‘आप' छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे. अंगुरल सियालकोटिया रविदासिया समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. इसी तरह, सुखबीर बादल के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पहले सुरजीत कौर को टिकट दिया था, लेकिन पार्टी ने बाद में उनसे समर्थन वापस ले लिया. शिअद ने अब जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट के लिये उपचुनाव में बसपा उम्मीदवार बिंदर कुमार का समर्थन करने की घोषणा की है.
(भाषा इनपुट्स के साथ)
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