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This Article is From Apr 14, 2017

यदि आप भीएम एप से किसी दूसरे को जोड़ते हैं तो आपको 10 रुपये प्रोत्‍साहन के रूप में मिलेंगे : PM मोदी

यदि आप भीएम एप से किसी दूसरे को जोड़ते हैं तो आपको 10 रुपये प्रोत्‍साहन के रूप में मिलेंगे : PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भीमएप गेमचेंजर साबित होगा(फाइल फोटो)
नागपुर: पीएम नरेंद्र मोदी ने अंबेडकर जयंती पर नागपुर में बोलते हुए कहा कि बाबा साहेब ने ऐसे संविधान का निर्माण किया जिसके तहत सारे सवालों के जवाब संविधान से मिलते हैं. उन्‍होंने अंबेडकर की दीक्षा भूमि नागपुर को प्रणाम करते हुए कहा कि बाबा साहेब ने विष पिया लेकिन हमेशा अमृत की वर्षा की. डॉ अंबेडकर ने जातिगत दंश समेत जीवन में कई समस्‍याओं का सामना किया लेकिन इससे उनके मन में कटुता नहीं आई. यह उनके कार्यों में दिखता है. उनके कार्यों में किसी प्रकार की कटुता या दुश्‍मनी का भाव नहीं दिखता बल्कि उन्‍होंने सामाजिक समरसता की भावना को बल दिया. यह उनकी विशेषता थी.

इसके साथ ही डिजिटल करेंसी के तहत उन्‍होंने कहा कि भीम-आधार एप दुनिया में अपनी किस्‍म का अनोखा है. यहां तक कि दुनिया के सबसे एडवांस देशों में भी ऐसा तंत्र नहीं है. यह पूरी तरह से गेमचेंजर साबित होगा. यह पूरे देश में लोगों के जीवन में सकारात्‍मक असर डालेगा. हर देश इस तंत्र को अपनाना चाहेगा. हम इस मामले में अगुआ हैं और दूसरे देशों के लिए नजीर साबित होंगे. इसके साथ ही उन्‍होंने भीम एप के साथ रेफरेल कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा भी की. इसके तहत उन्‍होंने कहा कि यदि आप दूसरों को इसके साथ जोड़ते हैं तो आपको प्रोत्‍साहन राशि दी जाएगी. इसके तहत यदि आप किसी को जोड़ते हैं तो आपको 10 रुपये दिए जाएंगे. उन्‍होंने हल्‍के-फुल्‍के अंदाज में यह भी कहा कि यदि आप ऐसे 20 लोगों को रोजाना जोड़े तो 200-300 रुपये कमा सकते हैं और पैसे के लिए माता-पिता पर भी निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.

इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि आज हम कई प्रोजेक्‍ट शुरू कर रहे हैं. बिजली हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्‍सा है. 21वीं सदी में यह हर नागरिक का अधिकार है. विकास तभी संभव है जब बिजली उपलब्‍ध हो. इस लिहाज से हमने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में विशेष ध्‍यान दिया है. उन्‍होंने कहा कि 2022 तक सभी को घर मिले, इस सपने को साकार करने के लिए सरकार अथक प्रयास कर रही है.

डिजिटल इकोनॉमी
उन्‍होंने कहा कि भारत डिजिटल इकोनॉमी की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. वह दिन दूर नहीं जब गरीब से गरीब भारतीय भी कहेगा कि 'डिजिधन निजी धन है.' हम सभी को पैसे की जरूरत है लेकिन यह जरूरी नहीं कि यह कैश की शक्‍ल में हो. अधिक कैश होने से अधिक समस्‍याएं होती हैं. बेहतर समाज के लिए कम कैश होना जरूरी है. पेपरलेस करेंसी ही हमारा भविष्‍य है. यह सभी समस्‍याओं का निदान है. अब आपका मोबाइल ही आपका एटीएम बन जाएगा.

दीक्षाभूमि बौद्ध धर्म से जुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थल है, जहां अंबेडकर ने 14 अक्टूबर, 1956 को बौद्ध धर्म स्वीकार किया था.
 

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