विज्ञापन
This Article is From Aug 09, 2011

शीला के इस्तीफे की मांग, माकन भी निशाने पर

नई दिल्ली: संसद के दोनों सदनों में मानसून सत्र के दूसरे सप्ताह के पहले दिन यानी सोमवार को कोई कामकाज नहीं हो सका। राष्ट्रमंडल खेलों से सम्बंधित दो मुद्दों पर पूरी तैयारी के साथ सरकार को घेरने संसद पहुंची भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का इस्तीफा मांगा और सुरेश कलमाडी की आयोजन समिति के पद पर नियुक्ति सम्बंधी केंद्रीय युवा कार्य व खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अजय माकन के बयान के खिलाफ विशेषधिकार हनन का प्रस्ताव दिया। विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में अपनी मांगों को लेकर भारी हंगामा किया। जिसके चलते एक बार के स्थगन के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह जैसे ही लोकसभा की बैठक शुरू हुई, भाजपा और उसके सहयोगियों ने प्रश्न काल स्थगित कर सीएजी रिपोर्ट पर चर्चा कराने की मांग की। भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भाजपा, वामदलों और समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने दीक्षित के इस्तीफे की मांग को लेकर फिर हंगामा किया और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में भी विपक्षी सदस्यों ने दीक्षित के इस्तीफे की मांग की। भाजपा सदस्य सभापति के आसन के पास पहुंच गए और दीक्षित के इस्तीफे की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की बैठक जब दोबारा शुरू शुरू हुई, तब भी स्थिति जस की तस बनी हुई थी। हंगामा न थमता देख उपसभापति के. रहमान खान ने कुछ दस्तावेज पटल पर रखवाने के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी। दीक्षित के इस्तीफे की मांग करने का निर्णय रविवार को भाजपा के कोर समूह व राजग की बैठक में लिया गया था। सरकार ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट में उच्च पदों पर आसीन किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने संवाददाताओं से कहा, "शीला दीक्षित को तो छोड़िए, उच्च पदों पर आसीन किसी भी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया गया  है।" सोनी के साथ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी मीडिया से बातचीत की। उन्होंने जोर देकर कहा कि सीएजी की रिपोर्ट में दीक्षित को 'दोषी' नहीं बताया गया है। सिब्बल ने कहा कि संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) सीएजी की रिपोर्ट की जांच करेगी। सरकार इसके बाद ही अपना रुख तय करेगी। उन्होंने विपक्ष से राष्ट्रमंडल खेल के मुद्दे पर संसद में गतिरोध तोड़ने की अपील भी की और जोर देते हुए कहा कि संसद का कामकाज चलने देना विपक्ष का दायित्व है। इस बीच, खुद शीला ने विपक्षी दलों पर टिप्पणी करते हुए कहा, "वे जो चाहते हैं, करें।" शीला ने संवाददाताओं से कहा, "संसद में जो कुछ भी हो रहा है.. उसे होने दें।" भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "जब दिल्ली के लोकायुक्त की रपट में दिल्ली सरकार के लोक निर्माण मंत्री राजकुमार चौहान पर उंगली उठाई गई थी, तब उन्होंने कहा कि रपट सही नहीं है। अब सीएजी की रपट सामने है और वे कहते हैं कि यह केवल एक ऑडिट रपट है, लेकिन इसके अलावा शुंगलू समिति की रपट भी है, जिसमें दीक्षित को दोषी बताया गया है।" जावड़ेकर ने कहा, "आखिर वे कब तक भ्रष्ट व्यक्ति का बचाव करेंगे। उन्हें हर हाल में जाना होगा और उन्हें हर हाल में इस्तीफा देना होगा।" इसके पहले भाजपा ने दोनों सदनों में माकन के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी पेश किया। यह प्रस्ताव माकन के इस बयान पर पेश किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सुरेश कलमाडी को राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति का प्रमुख राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने नियुक्त किया था। माकन हालांकि अपने बयान पर कायम हैं। संसद भवन परिसर में पत्रकारों से चर्चा में माकन ने कहा, "मैंने लोकसभा और राज्यसभा में जो बयान दिए थे, उस पर मैं अभी भी अडिग हूं।" माकन ने अपने बयान पर स्पष्टीकरण देने का मौका नहीं देने के लिए भाजपा की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "राज्यसभा में यह प्रक्रिया है कि जब मंत्री बयान देता है, तो उससे स्पष्टीकरण मांगा जाता है। गुरुवार को जब मैंने राज्यसभा में बयान दिया था, उसके बाद मैं सदन में बैठा रहा और मैंने प्रतीक्षा की कि कोई स्पष्टीकारण मांगे, लेकिन किसी ने ऐसा नहीं किया।" माकन ने कहा, "भाजपा के एस.एस. अहलूवालिया ने कहा कि आज हम आपसे कोई स्पष्टीकरण नहीं मांगने वाले हैं। अगले दिन भी मैं राज्यसभा में गया और स्पष्टीकरण मांगने का आग्रह किया। मैंने आज भी उनसे कहा कि वे चाहें तो स्पष्टीकरण मांग सकते हैं।" उन्होंने कहा, "लेकिन मुझे यह देखकर दुख हुआ कि मुझसे स्पष्टीकरण मांगने की बजाए वे सदन में हंगामा करने में व्यस्त दिखे और मुझे जवाब देने का मौका नहीं दे रहे हैं। यही नहीं, मेरे खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी ले आए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।" "कलमाडी को आयोजन समिति का प्रमुख बनाने वालों में विजय कुमार मल्होत्रा, अजय सिंह चौटाला, सुखदेव सिंह ढींढसा और तरलोचन सिंह थे। सभी राजग के हैं। सभी ने एकमत से कलमाडी को आयोजन समिति का प्रमुख बनाया।" माकन ने कहा कि इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय कुछ भी करने की स्थिति में नहीं था। माकन के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लोकसभा में वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने पेश किया, जबकि राज्यसभा में पार्टी के वरिष्ठ नेता एसएस अहलूवालिया ने पेश किया।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
लॉरेंस बिश्नोई से दुश्मनी खत्म करने के लिए 5 करोड़ दो, वरना बाबा सिद्दीकी से बुरा हाल : सलमान खान को धमकी
शीला के इस्तीफे की मांग, माकन भी निशाने पर
चंडीगढ़ में आज हरियाणा बीजेपी नेताओं की बैठक, शपथ ग्रहण की तैयारियों पर होगी चर्चा
Next Article
चंडीगढ़ में आज हरियाणा बीजेपी नेताओं की बैठक, शपथ ग्रहण की तैयारियों पर होगी चर्चा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com