AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत पर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा है कि आप डी-रैडिकलाइज़ करने की बात करते हैं आप किस-किस को डी-रैडिकलाइज़ करेंगे? उन्होंने उनके बयान की तुलना कनाडा में अंग्रेज हुकुमत के द्वारा किए गए जुल्म से की, साथ ही उन्होंने कहा की CDS को जुवेनाइल एक्ट पढ़ना चाहिए. AIMIM नेता सवाल पूछते हुए कहा की जुनैद, तबरेज, पहलू के हत्यारे को डी-रैडिकलाइज़ कौन करेगा. झारखंड में अलीमुद्दीन अंसारी हत्या कांड के आरोपी को सरकार के मंत्री ने स्वागत किया उसे डी-रैडिकलाइज़ कौन करेगा? आप असम में हिंदुओं को नागरिकता देंगे लेकिन मुसलमानों को नहीं देंगे आप किसे डी-रैडिकलाइज़ करेंगे?
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गौरतलब है कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) बिपिन रावत ने गुरुवार को खुलासा करते हुए कहा था कि देश में कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चल रहे हैं क्योंकि यह वैसे लोगों को अलग करने के लिये जरूरी है, जिनका पूरी तरह चरमपंथीकरण हो चुका है.
#WATCH Telangana:AIMIM chief Asaduddin Owaisi speaks on Chief of Defence Staff General Bipin Rawat's statement, "...There are people who've been completely radicalised. These people need to be taken out separately,possibly taken to some de-radicalisation camps",in Adilabad.(16.1) pic.twitter.com/nDqbZwB9bB
— ANI (@ANI) January 17, 2020
‘रायसीना डायलॉग' को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कश्मीर में हालात का जिक्र करते हुए कहा कि घाटी में 10 और 12 साल के लड़के-लड़कियों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा था, ‘‘इन लोगों को धीरे-धीरे कट्टरपंथ से अलग किया जा सकता है. हालांकि, ऐसे लोग भी हैं जो पूरी तरह कट्टरपंथी हो चुके हैं. इन लोगों को अलग से कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर में ले जाने की आवश्यकता है.'' उन्होंने कहा था, ‘‘देश में कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चलाए जा रहे हैं.'' साथ ही उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में भी कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर हैं.
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जनरल रावत ने कहा था, ‘‘मैं आपको बता दूं कि पाकिस्तान भी ऐसा कर रहा है. पाकिस्तान में भी चरमपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चलाए जा रहे हैं क्योंकि वे समझ चुके हैं कि जिस आतंकवाद को वे प्रायोजित कर रहे हैं, वह उन्हें भी प्रभावित कर रहा है.'' यह पहला मौका है जब किसी शीर्ष अधिकारी ने भारत में चरमपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर के बारे में बात की थी. जनरल रावत ने कहा कि आतंकवाद से प्रभावी तरीके से मुकाबले के लिये कट्टरपंथ को रोकना अहम है. कट्टरपंथी युवा लोग कश्मीर में सुरक्षा बलों पर पथराव करने में शामिल हैं. कट्टरपंथ की बड़ी चुनौती के रूप में पहचान करते हुए उन्होंने कहा था कि प्रभावी कार्यक्रम के जरिये इससे मुकाबला किया जा सकता है.
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