Ahmedabad plane crash: क्रू के 12 सदस्यों में कैप्टन सुमित सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर भी शामिल थे.
Ahmedabad plane crash: गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में भीषण विमान हादसा हुआ है. अहमदाबाद से लंदन जा रहे विमान उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे से पहले विमान के पायलट ने दुर्घटना का संदेश देने के लिए मेडे कॉल किया था. हालांकि इसके कुछ ही वक्त के बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और मौके से आग और धुएं का गुबार उठता देखा गया. एयर इंडिया का यह विमान अहमदाबाद के मेघानीनगर आईजीपी परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ. हादसे के समय विमान में केबिन क्रू के 12 सदस्यों समेत 242 लोग सवार थे.
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8200 घंटे उड़ान का अनुभव
एयर इंडिया में सवार केबिन क्रू के 12 सदस्यों में कैप्टन सुमित सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर भी शामिल थे. जानकारी मिली है कि विमान का संचालन कैप्टन सुमित सभरवाल कर रहे थे, जिनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे.
कैप्टन सुमित सभरवाल एक एलटीसी हैं और उनके पास विमान उड़ाने का 8200 घंटे का उड़ान अनुभव है. को-पायलट के पास 1100 घंटे का उड़ान अनुभव था.
पायलट की ओर से नहीं मिला जवाब
डीजीसीए ने एक बयान में बताया कि एटीसी के अनुसार, विमान ने अहमदाबाद से रनवे 23 से करीब डेढ़ बजे उड़ान भरी. इसने एटीसी को अति आपात कॉल (मेडे कॉल) किया, लेकिन उसके बाद एटीसी द्वारा की गई कॉल का पायलट द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया.
डीजीसी के मुताबिक विमान रनवे 23 से उड़ान भरने के तुरंत बाद एयरपोर्ट की परिधि के बाहर जमीन पर गिर गया. उसने कहा कि दुर्घटनास्थल से भारी काला धुआं निकलता देखा गया. बोइंग विमान को तेजी से नीचे आता देखा गया और यह एयरपोर्ट के पास मेघाणीनगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

विमान में बदलापुर के दीपक पाठक भी थे
एयर इंडिया के दुर्घटनाग्रस्त विमान में महाराष्ट्र के बदलापुर के दीपक पाठक भी शामिल थे. दीपक पाठक पिछले 11 सालों से एयर इंडिया में केबिन क्रू के रूप में काम कर रहे थे. वो अपने माता पिता और दो बहन के साथ ठाणे जिले के बदलापुर में रहते थे. दोनों बहनों की शादी हो चुकी है. दीपक ने आज सुबह ही लंदन जाने से पहले अपनी मां को फोन किया था. दीपक के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर सुनते ही परिवार और पड़ोसियों में शोक का माहौल है.
परिवार ने बताया कि इस घटना के बाद उनकी मां लगातार फोन लगा रही है. घंटी बज रही है, लेकिन कोई फोन नहीं उठा रहा है.
बहन कहती हैं कि जब तक आधिकारिक तौर पर उन्हें मौत की जानकारी नहीं दी जाती है. यह मानना बहुत ही मुश्किल है कि उनके भाई की मौत हो चुकी है.
क्या है मेडे कॉल?
मेडे कॉल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक आपातकालीन संकेत है. इसका उपयोग हवाई और समुद्री यातायात के दौरान उपयोग किया जाता है. इमरजेंसी होने पर तीन बार 'मेडे, मेडे, मेडे' कहकर के सूचना दी जाती है, जिससे इसे स्पष्ट तौर पर समझा जा सके. यह शब्द फ्रांसीसी वाक्यांश "m'aider" से आया है, जिसका अर्थ है "मेरी मदद करो." यह पहले से तय फॉर्मेट है. मेडे कॉल किसी विमान या जहाज को कमांड करने वाले यक्ति द्वारा किया जाता है. आमतौर पर यह पायलट या जहाज का कप्तान होता है, जब वे किसी गंभीर आपात स्थिति का सामना कर रहे होते हैं.
इंजन खराब होने, आग लगना, नियंत्रण खोना या ऐसे ही दूसरे कारण होते है, जो विमान या जहाज में सवार लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल देते हैं. विमान का पायलट रेडियो पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को मेडे कॉल करता है. वहीं यदि मूल कॉलर का संचार टूट जाता है तो इसे अन्य नजदीकी विमान या जहाज द्वारा भी भेजा जा सकता है.
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