नई दिल्ली:
बिहार और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल एआर किदवई का बुधवार को एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 96 वर्ष के थे. किदवई के परिवार में दो बेटे और चार बेटियां हैं. उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर में जामिया कब्रिस्तान में किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किदवई के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, डॉक्टर एआर किदवई के निधन से मैं व्यथित हूं. उनके लंबे सार्वजनिक जीवन में कई भूमिकाएं एवं जिम्मेदारियां शामिल हैं. शिक्षा और समाज कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले किदवई की आत्मा को ईश्वर शांति प्रदान करे.’’
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘बिहार, बंगाल और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल डॉक्टर एआर किदवई के निधन से गहरा दुख हुआ.’’ वर्ष 1920 में जन्मे अखलाक उर्रहमान किदवई रिकार्ड 17 साल तक बिहार (दो बार), पश्चिम बंगाल और हरियाणा के राज्यपाल रहे. उनके पास पंजाब और राजस्थान के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी रहा एवं वह दिल्ली और चंडीगढ़ के प्रशासक भी रहे.
वर्ष 2000 से 2004 तक राज्यसभा का सदस्य रहने के अलावा उन्होंने 1974-78 तक संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के तौर पर भी सेवाएं दीं. उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने किदवई के निधन पर दुख व्यक्त किया. खट्टर ने उन्हें अनुभवी राजनीतिज्ञ और एक महान शिक्षाविद् बताया. हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने अपने शोक संदेश में कहा कि देश ने एक महान स्वतंत्रता सेनानी, एक गांधीवादी नेता, एक कुशल प्रशासक और एक शिक्षाविद् को खो दिया है. सोलंकी ने कहा कि किदवई ने स्वतंत्रता संग्राम विशेष रूप से भारत छोड़ो आंदोलन में उल्लेखनीय योगदान किया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किदवई के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, डॉक्टर एआर किदवई के निधन से मैं व्यथित हूं. उनके लंबे सार्वजनिक जीवन में कई भूमिकाएं एवं जिम्मेदारियां शामिल हैं. शिक्षा और समाज कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले किदवई की आत्मा को ईश्वर शांति प्रदान करे.’’
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘बिहार, बंगाल और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल डॉक्टर एआर किदवई के निधन से गहरा दुख हुआ.’’ वर्ष 1920 में जन्मे अखलाक उर्रहमान किदवई रिकार्ड 17 साल तक बिहार (दो बार), पश्चिम बंगाल और हरियाणा के राज्यपाल रहे. उनके पास पंजाब और राजस्थान के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी रहा एवं वह दिल्ली और चंडीगढ़ के प्रशासक भी रहे.
वर्ष 2000 से 2004 तक राज्यसभा का सदस्य रहने के अलावा उन्होंने 1974-78 तक संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के तौर पर भी सेवाएं दीं. उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने किदवई के निधन पर दुख व्यक्त किया. खट्टर ने उन्हें अनुभवी राजनीतिज्ञ और एक महान शिक्षाविद् बताया. हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने अपने शोक संदेश में कहा कि देश ने एक महान स्वतंत्रता सेनानी, एक गांधीवादी नेता, एक कुशल प्रशासक और एक शिक्षाविद् को खो दिया है. सोलंकी ने कहा कि किदवई ने स्वतंत्रता संग्राम विशेष रूप से भारत छोड़ो आंदोलन में उल्लेखनीय योगदान किया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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