"हमने नए कृषि सुधार से जुड़े कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन फिलहाल एक महीने के लिए स्थगित करने का फैसला किया है." दिल्ली की सीमाओं पर जारी हजारों किसानों, सैकड़ों किसान संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ करीब एक घंटे चली मुलाकात के बाद भारतीय किसान यूनियन किसान गुट के नेता पवन ठाकुर ने एनडीटीवी से यह बात कही. कृषि मंत्री ने बैठक के बाद कहा कि किसान नेताओं को नए कानूनों को लेकर कुछ भ्रम था जो इस बैठक के बाद खत्म हो गया है.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कई जगह किसान नए कानूनों को लेकर भ्रम फैला रहे हैं. इन लोगों के मन में भी भ्रम था. जब मैंने विषय को रखा तो उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह बिलों का समर्थन यहां भी करते हैं और अब बिलों के बारे में किसानों को बताएंगे. किसी को गुमराह होने की जरूरत नहीं.
उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन किसान गुट का सिर्फ 10 से 12 जिलों में नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन और विरोध प्रदर्शन चल रहा था. पिछले करीब एक हफ्ते में कृषि मंत्री नए कृषि सुधार कानूनों का समर्थन कर रहे किसान संगठनों के साथ पांच से ज्यादा बैठकें कर चुके हैं. हालांकि मंगलवार की बैठक के दौरान भारतीय किसान यूनियन किसान गुट के नेताओं ने नए कृषि सुधार से जुड़े कानूनों में कुछ संशोधन और देश में नए एमएसपी कानून बनाने की मांग रखी.
पवन ठाकुर ने NDTV से कहा कि हमने कृषि मंत्री को एक ज्ञापन दिया है जिसमें हमने 6 मांगें रखी हैं. हमने कृषि मंत्री के सामने यह मांग रखी है कि एमएसपी पर एक नया कानून बनना चाहिए. हमने सरकार को एक महीने का समय दिया है.
उधर दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है जो तीनों नए कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं. मंगलवार को एसोचैम ने सरकार और किसान संगठनों से गतिरोध खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन और बॉर्डर सील करने की वजह से पंजाब हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में उद्योग धंधों पर बुरा असर पड़ रहा है और हर रोज करीब 3500 करोड़ का आर्थिक नुकसान हो रहा है.
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