फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने 3,600 करोड़ रुपये के अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा मामले में शनिवार को दो और आरोपियों को जमानत दे दी. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश अरविंद कुमार ने दिल्ली स्थित मीडिया एक्जिम प्रा. लि के निदेशक आर.के.नंदा और पूर्व निदेशक जे.बी.सुब्रमण्यम की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए उन्हें एक लाख रुपये के निजी बांड और इतनी ही राशि के मुचलके पर जमानत दे दी.
अदालत ने इस मामले में पूरक आरोप-पत्र पर विचार करने के बाद कहा था कि धनशोधन निवारण अधिनियम की धारा 45 के तहत नंदा और सुब्रहमण्यम के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जून 2016 में ब्रिटिश नागरिक क्रिस्टिन माइकल जेम्स, मीडिया एग्जिम, नंदा और सुब्रह्मण्यम के खिलाफ हेलीकॉप्टर सौदे में धनाशोधन को लेकर जांच के सिलसिले में आरोप-पत्र दाखिल किए थे.
ईडी के मुताबिक, मीडिया एग्जिम जेम्स की कंपनी है और यह कथित तौर पर अगस्तावेस्टलैंड की समूह कंपनी फिनमेकेनिका द्वारा जेम्स को दी गई रिश्वत में भी शामिल थी. जेम्स को 12 हेलीकॉप्टर खरीद के सौदे के लिए कथित रूप से अगस्तावेस्टलैंड से 225 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी.
ईडी ने जांच में पाया कि जेम्स को मिली रिश्वत में से 6.33 करोड़ रुपये दुबई की ग्लोबल सर्विसेज एफजेडई के जरिये मीडिया एग्जिम के माध्यम से भारत पहुंचे. ईडी के मुताबिक, "नंदा और सुब्रह्मण्यम मीडिया एग्जिम के निदेशक नियुक्त किए गए थे, जिन्होंने जानबूझकर दिल्ली में चल एवं अचल संपत्तियों को प्राप्त करने में जेम्स की मदद की."
एक स्थानीय अदालत द्वारा जेम्स के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद ईडी और सीबीआई ने जेम्स के खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी किया.
अदालत ने इस मामले में पूरक आरोप-पत्र पर विचार करने के बाद कहा था कि धनशोधन निवारण अधिनियम की धारा 45 के तहत नंदा और सुब्रहमण्यम के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जून 2016 में ब्रिटिश नागरिक क्रिस्टिन माइकल जेम्स, मीडिया एग्जिम, नंदा और सुब्रह्मण्यम के खिलाफ हेलीकॉप्टर सौदे में धनाशोधन को लेकर जांच के सिलसिले में आरोप-पत्र दाखिल किए थे.
ईडी के मुताबिक, मीडिया एग्जिम जेम्स की कंपनी है और यह कथित तौर पर अगस्तावेस्टलैंड की समूह कंपनी फिनमेकेनिका द्वारा जेम्स को दी गई रिश्वत में भी शामिल थी. जेम्स को 12 हेलीकॉप्टर खरीद के सौदे के लिए कथित रूप से अगस्तावेस्टलैंड से 225 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी.
ईडी ने जांच में पाया कि जेम्स को मिली रिश्वत में से 6.33 करोड़ रुपये दुबई की ग्लोबल सर्विसेज एफजेडई के जरिये मीडिया एग्जिम के माध्यम से भारत पहुंचे. ईडी के मुताबिक, "नंदा और सुब्रह्मण्यम मीडिया एग्जिम के निदेशक नियुक्त किए गए थे, जिन्होंने जानबूझकर दिल्ली में चल एवं अचल संपत्तियों को प्राप्त करने में जेम्स की मदद की."
एक स्थानीय अदालत द्वारा जेम्स के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद ईडी और सीबीआई ने जेम्स के खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी किया.
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