
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार तीन-तलाक पीड़िताओं को 6,000 रुपए की वार्षिक पेंशन देगी. शिया धर्म गुरू मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि जहां उन्होंने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है, वहीं सरकार को बच्चों की शिक्षा तथा उनके आवास पर ध्यान देना चाहिए जो तीन-तलाक पीड़िताओं को 500 रुपए प्रति महीने देने से बेहतर होगा. दूसरी ओर, सुन्नी धर्म गुरू मौलाना सूफियाना ने कहा, "इस मुद्दे पर राजनीति हुई है. यह देखना है कि सरकार 500 रुपये प्रति महीना की पेंशन देकर क्या न्याय करना चाहती है."
साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 बड़े फैसले, जिसके बारे में जरूर जानना चाहेंगे आप
वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम वीमेंस पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाहिस्ता अंबर ने कहा, "सरकार की पहल अच्छी है, लेकिन धनराशि बहुत कम है. 6,000 रुपये प्रति वर्ष की पेंशन से मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति मुश्किल होगी." बता दें, राष्ट्रपति ने 1 अगस्त 2019 को तीन तलाक बिल को मंजूरी दे दी थी. मोदी सरकार ने इस बिल को 25 जुलाई को लोकसभा में और 30 जुलाई को राज्यसभा में पास करवाया था.
तीन तलाक कानून, आर्टिकल-370 और CAB के बाद BJP का अगला कदम क्या होगा?
हालांकि यह कानून 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा. बिल के कानून बनने के बाद 19 सितंबर 2018 के बाद जितने भी मामले में तीन तलाक से संबंधित आए हैं, उन सभी का निपटारा इसी कानून के तहत किया जाएगा. बता दें कि राज्यसभा में बिल के समर्थन में 99, जबकि विरोध में 84 वोट पड़े थे. जबकि लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश किए जाने के पक्ष में 187 और विपक्ष में 74 वोट पड़े थे.
Video: तीन तलाक बिल के पक्ष में पड़े 99 वोट
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं