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This Article is From Mar 01, 2020

दुकान से खरीदारी की अगर लेंगे पक्की रसीद तो बन सकते हैं करोड़पति, सरकार कर रही है यह तैयारी...

लॉटरी में भाग लेने के लिए इस तरह की कोई सीमा नहीं होगी कि रसीद न्यूनतम या अधिकतम किसी तय राशि की हो. लॉटरी में एक प्रथम विजेता चुना जाएगा, जिस पर बड़ा इनाम होगा.

दुकान से खरीदारी की अगर लेंगे पक्की रसीद तो बन सकते हैं करोड़पति, सरकार कर रही है यह तैयारी...
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में हेराफेरी रोकने के उपायों के तहत जीएसटी व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से एक ऐसी लॉटरी शुरुआत करने की योजना बना रही है, जिसमें हर महीने दुकानदार और खरीदार के बीच सौदे के हर बिल को लकी-ड्रॉ में शामिल किया जाएगा. एक अधिकारी ने बताया कि इस लॉटरी में उपभोक्ताओं को एक करोड़ रुपये तक का ईनाम मिल सकता है. अधिकारी ने कहा कि यह लॉटरी योजना ग्राहकों को दुकानों से हर खरीद का बिल/रसीद मांगने को प्रात्साहित करने के लिए सोची गई है. इससे जीएसटी की चोरी रोकने में मदद मिलेगी. इसके लिए यह कदम उठाया जा रहा है.

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अधिकारी ने कहा कि इस लॉटरी में भाग लेने के लिए इस तरह की कोई सीमा नहीं होगी कि रसीद न्यूनतम या अधिकतम किसी तय राशि की हो. लॉटरी में एक प्रथम विजेता चुना जाएगा, जिस पर बड़ा इनाम होगा. राज्यों के स्तर पर दूसरे और तीसरे विजेता भी चुने जाएंगे. इसमें भाग लेने के लिए उपभोक्ताओं को किसी भी खरीद की रसीद स्कैन करके अपलोड करना होगा. जीएसटी नेटवर्क इसके लिए एक मोबाइल ऐप विकसित कर रही है. यह ऐप इस महीने के अंत तक एंड्रॉयड और एप्पल के उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध हो जाएगा.

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के एक अधिकारी ने पिछले महीने कहा था कि इस लॉटरी में लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के इनाम रखे जा सकते हैं. जीएटी परिषद इस योजना पर 14 मार्च की बैठक में अपना मत दे सकती है. इस लॉटरी का पैसा मुनाफाखोरी के मामलों में जुर्माने से आएगा. जीएसटी कानून में मुनाफाखोरी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है. इसमें दंड का पैसा उपभोक्ता कल्याण कोष में रखा जाता है.

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